Devi Shankar Awasthi Award: कथ्‍य की साफगोई अच्‍युतानंद के लेखन की पहचान 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 23, 2022, 04:14 PM IST

achyutananda mishra

हाल ही में कवि-आलोचक अच्युतानंद मिश्र को देवीशंकर अवस्थी सम्मान दिए जाने की घोषणा हुई है.

- कुमार मुकुल 

अच्युतानंद मिश्र का नाम हिंदी कविता की दुनिया के लिए नया नहीं है. वह लंबे समय से जनता और उसके सरोकारों के साथ पीड़ा से जुड़ी कविताएं लिख रहे हैंहाल ही में आधार प्रकाशन से आई आलोचना पुस्तक 'कोलाहल में कविता की आवाज़' के लिए कवि-आलोचक अच्युतानंद मिश्र को देवीशंकर अवस्थी सम्मान दिए जाने की घोषणा हुई है. दिल्ली में 5 अप्रैल को आयोजित कार्यक्रम में उन्हें यह सम्मान दिया जाना है. अच्युतानंद मिश्र की आलोचना के बारे में अग्रज कवि-आलोचक विजय कुमार कहते हैं , 'उनमें एक गहरी इतिहास चेतना है. वह कविता के सत्व को खोजने की बात जब करते हैं तो उस सोच में विवेचना के बहुत सारे नए औजार भी दिखाई देते हैं. वह वर्तमान की जटिलताओं में भी जाते हैं और मनुष्य चेतना में आदिम काल से आज तक की किसी निरंतरता को भी देखते हैं.’

अच्‍युतानंद मिश्र का लेखन गांधी के अंतिम आदमी की पीड़ाओं से साक्षात् कराता है. कथ्य की साफगोई अच्‍युता के लेखन की पहचान है. वह विकास के इस दौर में खानों में बंटती मनुष्यता पर सवाल खड़े करते रहते हैं. अपने समय की दुश्वारियां अच्‍युतानंद के अंतर को इस तरह व्यथित करती हैं कि उन्‍हें लगता है और सही ही लगता है कि वह कविता नहीं लिख पा रहे, कि उनकी बेचैनी कविता के फार्म में अंटती नहीं है और मुझे लगता है जो काम उनकी कविता नहीं कर पाती उसे वे गद्य और आलोचना के माध्‍यम से अभिव्‍यक्‍त करने की कोशिश करते हैं.  

असंतुलित विकास की विद्रूपता को अच्‍युता अपने लेखन में बराबर जगह देते हैं—
‘एक डूबे हुए गांव का चित्र
दिखाने से पहले
टीवी बजाता है एक भड़कीली धुन.’
हताशा और पीड़ा मूल स्वर है अच्‍युतानंद का, जो अकसर पाठकों को भी डुबोता है और कभी मजबूर करता है विचार करने को कि वे देखें कि सूरते हाल बदलने की संभावनाएं कहां हैं. इस सम्‍मान के लिए उन्‍हें शुभकामनाएं. 

(कुमार मुकुल कवि, आलोचक और पत्रकार हैं.)

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