Bihar News: दिल्ली की एक अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार को जमीन के बदले नौकरी घोटाले में थोड़ी राहत दे दी है. अदालत ने शुक्रवार को भारतीय रेलवे में नौकरी दिलाने से जुड़े इस घोटाले की आरोपी लालू यादव की पत्नी व बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी दो बेटियों मीसा भारती व हेमा यादव को अंतरिम जमानत दे दी है. लालू प्रसाद यादव के केंद्रीय रेलवे मंत्री रहने के दौरान जमीन लेकर बदले में रेलवे में नौकरी दिए जाने के आरोपों वाले इस कथित घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने की है, जबकि इससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) जांच कर रही है. इस घोटाले में लालू यादव और उनके बेटे व बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया है.
28 फरवरी को होगी जमानत पर अगली सुनवाई
स्पेशल जज विशाल गोगने ने राबड़ी देवी और मीसा भारती व हेमा यादव को लैंड फॉर जॉब्स स्कैम में अंतरिम जमानत दी है. तीनों को पूर्ण जमानत देने को लेकर अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी की तारीख तय की गई है. जज ने ईडी के वकील की तरफ से तीनों की जमानत के मुद्दे पर बहस की तैयारी के लिए और ज्यादा समय मांगने के बाद अंतरिम जमानत देने का निर्णय लिया है. इससे पहले तीनों आरोपी अदालत की तरफ से भेजे गए समन के चलते पेशी पर पहुंची थीं. अदालत ने ईडी की तरफ से दाखिल चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए तीनों को पेश होने का समन भेजा था. कोर्ट का समन ED के अधिकारी ने 1 फरवरी को राबड़ी आवास आकर रिसीव कराया था. ईडी ने तीनों को कस्टडी में देने की मांग अदालत से की थी, लेकिन अदालत ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जब जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया तो अब कस्टडी की क्या जरूरत है?
क्या है नौकरी के बदले जमीन का घोटाला
ईडी की तरफ से अदालत में दाखिल चार्जशीट के मुताबिक, नौकरी के बदले जमीन लेने का घोटाला लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के समय का है. लालू यादव कांग्रेस नेतृत्व वाले UPA गठबंधन की साल 2004 से 2009 तक केंद्र में रही सरकार में रेल मंत्री थे. इसी दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप-डी की भर्तियां हुई थीं, जिनमें रिश्वत के तौर पर 7 जगह जमीनें लेने का आरोप लालू यादव और उनके परिवार के ऊपर है. ईडी ने इस मामले में करीब 600 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगाया हुआ है. आरोप है कि जमीन देने वाले कई लोगों को आवेदन भरने के 3 दिन के अंदर ही नौकरी दे दी गई थी. ये नौकरियां बिना विज्ञापन जारी किए ही दे दी गई थीं.
लालू और तेजस्वी से भी हो चुकी है पूछताछ
इस मामले में ईडी RJD अध्यक्ष लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव से भी कई-कई घंटे पूछताछ कर चुकी है. लालू यादव से 29 जनवरी को 10 घंटे और तेजस्वी से 30 जनवरी को 8 घंटे पूछताछ की गई थी. आरोप है कि इस घोटाले में लालू परिवार ने उस समय करीब 4.39 करोड़ रुपये कीमत वाली जमीन महज 26 लाख रुपये में हासिल कर ली थी.
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