अब Lassa वायरस से ब्रिटेन में हो चुकी है तीन मौतें, जानें कितना खतरनाक है यह फीवर

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 16, 2022, 10:52 AM IST

lassa fever know what are its symptoms and how to prevent first death in uk 

लासा वायरस के 80 फीसदी मामले एसिम्पटोमेटिक (asymptomatic) होते हैं और इसका पता लगाना काफी मुश्किल है.

डीएनए हिंदीः देश और दुनिया से कोरोना महामारी के मामले अभी कुछ कम ही होने शुरू हुए कि इसी बीच एक नए वायरस ने दस्तक दे दी है. दक्षिण अफ्रीका के देशों में एक और वायरस का खतरा देखने को मिल रहा है. लासा (Lassa) वायरस का पहला केस नाइजीरिया के लासा नामक जगह पर पाया गया है. जिसकी वजह से इसका नाम लासा रखा गया है. ब्रिटेन में इस फीसर से अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है.  

ब्रिटिश स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, लासा बुखार (Lassa Fever) के तीन मामले सामने आए हैं, जिसमें से एक मरीज ने उत्तरी लंदन के एक अस्पताल में 11 फरवरी को दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि सभी संक्रमित इंग्लैंड के एक ही परिवार के हैं और हाल ही में पश्चिमी अफ्रीका की यात्रा करके लौटे हैं. लासा वायरस (Lassa Fever या Lassa Virus) में चिंता की बात यह है कि इसके 80 फीसदी मामले एसिम्पटोमेटिक (asymptomatic) होते हैं और इसका पता लगाना काफी मुश्किल है.

यह भी पढ़ेंः Bappi Lahiri: मशहूर संगीतकार और गायक बप्पी लहरी का निधन, मुंबई के अस्पताल में ली अंतिम सांस
  
कितना घातक है लासा फीवर?
इस वायरस को लेकर वैज्ञानिक पहले ही चेतावनी दे चुके हैं. इसके तीन संक्रमितों में से एक मरीज की मौत हो चुकी है. लासा बुखार (Lassa Fever) की मृत्यु दर अभी 1 प्रतिशत है, लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच यह चिंता की वजह इसलिए बना है, क्योंकि कुछ संक्रमितों में मृत्यु दर बहुत ही ज्यादा है. खास तौर पर कुछ लोगों और गर्भवती महिलाओं को उनकी तीसरी तिमाही में इसका जोखिम अधिक होता है. यूरोपीयन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के मुताबिक कुछ मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ता है और उनकी बीमारी काफी गंभीर हो सकती है. लासा वायरस से पीड़ित अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीजों में से 15 फीसदी तक की मौत हो सकती है.

कैसे फैलता है लासा बुखार?
लासा बुखार (Lassa Fever) संक्रमित चूहे के मल-मूत्र के जरिए फैलता है और अगर कोई व्यक्ति चूहे के मल-मूत्र के संपर्क में आता है तो वह लासा बुखार से संक्रमित हो सकता है. इस वायरस से संक्रमित संक्रमित व्यक्ति अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है. 

यह भी पढ़ेंः Assembly Election: वोटिंग के बाद कहां और कितनी सुरक्षा में रखी जाती हैं EVM?

क्या हैं बीमारी के लक्षण?
लासा बुखार के लक्षणों में थकान, सिरदर्द, कमजोरी, बुखार आदि शामिल हैं. इसके अलावा कुछ मामलों में सांस लेने में कठिनाई, चेहरे का फूलना, रक्तस्राव, सीने में दर्द, पेट में झटका या उल्टी आदि महसूस हो सकते हैं. हालांकि एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब तक कोई व्यक्ति इसके गंभीर लक्षण से पीड़ित नहीं है तब तक वह किसी दूसरे व्यक्ति को संक्रमित नहीं कर सकता है. इसके लक्षण 1 से 3 सप्ताह बाद विकसित होते हैं. 

कब आया पहला मामला?  
एक्सपर्ट्स के मुताबिक लासा वायरस लासा बुखार (Lassa Fever)को उसी परिवार से जुड़ा है, जिससे इबोला और मार्गबर्ग वायरस है. इस वायरस को पहली बार 1969 में नाइजीरिया के लासा शहर में खोजा गया था और इसी शहर के नाम पर इस बीमारी का नाम पड़ा है. 

(हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.) 

लासा फीवर लासा वायरस lassa virus lassa Fever Corona Virus