China Threat: भारत का LAC पर मेगा प्लान, 500 वीरान गांव दोबारा बसाएगा, बनेंगे सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 23, 2022, 07:47 PM IST

चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC) पर सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने एक मेगा प्लान तैयार किया है, जिसके तहत सीमा के नजदीक मौजूद 500 वीरान गांव दोबारा बसाए जाएंगे. पढ़िए इस पर अमित प्रकाश की रिपोर्ट...

डीएनए हिंदी: चीन (China) की तरफ से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लगातार किए जा रहे निर्माण के बीच एक बड़ी खबर आई है. भारत ने भी LAC पर अपने दावे को मजबूत रखने और सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस तैयार करने के लिए एक मेगा प्लान बनाया है. 

इस मेगा प्लान के तहत LAC के करीब 500 ऐसे गांव दोबारा बसाए जाने की तैयारी किए जा रही है, जो स्थानीय लोगों के छोड़कर कहीं और चले जाने से पूरी तरह वीरान पड़े हैं. इसके लिए 2500 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है.  

4 पॉइंट में समझिए इस पूरे मेगा प्लान को...

1. LAC पर अभी क्या हैं हालात

चीन से लगी भारत की सीमा को LAC यानि Line of Actual Control के नाम से जाना जाता है. यह तय सीमा नहीं है बल्कि यह वो लाइन है, जहां चीन और भारत के नियंत्रण वाले इलाके आपस में मिलते हैं. चीन की तरफ से भारतीय इलाकों को अपना बताकर दावा किया जाता है, जबकि भारत चीन के कब्जे से अपने इलाके वापस मांग रहा है.

चीन अपने दावों को मजबूत करने के लिए लगातार भारतीय इलाकों में घुसपैठ कर वहां अपने चिह्न बनाता रहता है. कुछ समय पहले खबर आई थी कि चीन LAC से सटे इलाकों में तिब्बतियों के गांव बसा रहा है ताकि अपने दावे को ज्यादा मजबूत बना सके.

इसी कारण भारत ने मेगा प्लान तैयार किया है. इस प्लान को तैयार करने वाले अधिकारियों के मुताबिक, LAC से सटे करीब 500 ऐसे गांव चिह्नित किए गए हैं, जो वीरान हो चुके हैं यानि इन गांवों में अभी रहने वाले लोगों की संख्या बहुत ही कम या यूं कहें कि ना के बराबर रह गई है. इसकी वजह रही है लोगों का लगातार इन सीमावर्ती गांवों से पलायन.

2. क्या है सरकार का प्लान

सीमावर्ती इलाके में मौजूद इन करीब 500 गांवों को भारत सरकार सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस के तौर पर खड़ा करना चाहती है. इसी कारण अब इन सैकड़ों गांवों के निवासियों से यहां वापस लौट आने के लिए संपर्क शुरू कर दिया गया है ताकि इन्हें दोबारा आबाद किया जा सके. इसके लिए उन लोगों को से गांवों में स्वास्थ्य़ सुविधाओं और शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतें पूरा करने का वादा किया जा रहा है. सरकार यहां आवास बनाने और पर्यटन सुविधा बढ़ाने के साथ ही इन गांवों के आसपास ही नौकरियां देने की तैयारी भी कर रही है ताकि यहां की जनसंख्या का भविष्य में भी पलायन न हो.

3. कैसे होंगें बार्डर के ये मॉडल गांव

इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, इसकी पूरी बसावट को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है. चिकित्सा और शिक्षा सुविधाओं के साथ यहां लोगों के लिए मॉडल आवास बनाने का एक पूरा ब्यौरेवार प्लान बनाया गया है. इन सभी गांवों में कम से कम एक प्राथमिक विद्यालय होगा. स्कूल परिसर में शिक्षकों के लिए आवासीय क्वार्टर बनाए जाएंगे. केंद्रीय गृह मंत्रालय की योजना है कि LAC के पास बसे इन गांवों को वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाए.

4. गांवों के पुनर्विकास का बजट तैयार

इन गांवों को दोबारा बसाने में आने वाले खर्च को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा बजट तय किया है. पुनर्विकास खर्चों को पूरा करने के लिए 2022-23 के वार्षिक बजट में सरकार ने 1921.39 करोड़ रुपए आवंटित किए थे, जिसे बढ़ाकर अब 2517 करोड़ रुपए कर दिया गया है.

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