Flipkart के खिलाफ बड़ा एक्शन, Lawrence Bishnoi-Dawood Ibrahim को पॉपुलर करने का लगा आरोप, दर्ज हुई यहां FIR

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Nov 07, 2024, 04:58 PM IST

Flipkart के अलावा कई अन्य ई-कॉमर्स वेबसाइट के खिलाफ भी इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज किया है. इन सभी वेबसाइट पर अपराधियों को हीरो बनाकर युवाओं के सामने पेश करने का आरोप लगा है.

Flipkart समेत कई ई-कॉमर्स वेबसाइट के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस साइबर सेल (Maharashtra Police Cyber Cell) ने मुकदमा दर्ज किया है. यह कार्रवाई इन वेबसाइट्स पर देश के नंबर-1 वॉन्टेड माफिया दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) से जुड़े मामले में की गई है. इन सभी वेबसाइट्स पर लॉरेंस और दाऊद के फोटो वाली टीशर्ट्स को अपने प्लेटफॉर्म के जरिये बेचने का आरोप लगा है. साइबर सेल का आरोप है कि ये सभी वेबसाइट्स ऐसा करके इन कुख्यात अपराधियों को युवाओं के सामने महिमामंडित कर रही हैं और हीरो बना रही हैं.

क्या है पूरा मामला
दरअसल पिछले दिनों फ्लिपकार्ट, AliExpress, TeeShopper और Etsy आदि ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर लॉरेंस बिश्नोई और दाऊद इब्राहिम के फोटो वाली टीशर्ट व दूसरे सामान बिकते पाए गए थे. इसके बाद बेहद हंगामा मचा था. इसके बाद इन सामान को सभी वेबसाइट्स ने अपने प्लेटफॉर्म से हटाने की बात कही थी. इसी मामले में अब महाराष्ट्र साइबर सेल ने कार्रवाई की है.

मुकदमा दर्ज करते हुए कही है ये बात
साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज करते हुए कहा है कि कुख्यात गैंगस्टरों का महिमामंडन करने वाले उत्पाद युवाओं के सामने ऐसे अपराधियों को आदर्श के तौर पर पेश करते हैं. इससे समाज के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा हो रहा है, क्योंकि वे एक विकृत छवि को बढ़ावा दे रहे हैं. इससे युवा दिमाग नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकते हैं. महाराष्ट्र साइबर विभाग के मुताबिक, 'आपराधिक जीवन शैली का महिमामंडन करने वाले संदेशों को फैलाने के लिए इस तरह प्रोडक्ट्स का उपयोग करना युवाओं के मूल्यों को भ्रष्ट करने का प्रयास है. इससे युवा भटक जाएंगे और एक पीढ़ी का जीवन बर्बाद हो जाएगा.'

इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ है मुकदमा
महाराष्ट्र पुलिस के साइबर सेल ने फ्लिपकार्ट व अन्य ईकॉमर्स प्लेटफार्म्स के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इन कंपनियों के खिलाफ BNS की धारा 192, 196, 353, 3 और IT Act, 2000 की धारा 67 के तहत FIR दर्ज की गई है. 

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