डीएनए हिंदी: दिल्ली में नई आबकारी नीति (Excise Policy) को लेकर छिड़ा विवाद थम नहीं रहा है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) और दिल्ली सरकार के बीच तकरार बढ़ती ही जा रही है. इस मामले में सीबीआई (CBI) जांच की सिफारिश करने के बाद अब LG वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव से नीति बनाने, संशोधन और लागू करने वाले अधिकारियों और नौकरशाहों की भूमिका पर एक रिपोर्ट मांगी है.
उपराज्यपाल ने कहा है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी जिनकी निगरानी में आबकारी नीति बनाने में उल्लंघन और चूक हुई है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों का यह कर्तव्य था कि वे अपनी निगरानी में होने वाली अनियमितताओं के बारे में मुख्य सचिव या सक्षम प्राधिकारी के संज्ञान में लाएं. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के प्रभारी मंत्री हैं.
ये भी पढ़ें- Neeraj Chopra: गोल्डन ब्वॉय के बारे में क्या सर्च कर रहें हैं यूजर्स, यहां पढ़ें हर सवाल का जवाब
LG ने मुख्य सचिव से मांगी अफसरों कि रिपोर्ट
एलजी सक्सेना पहले ही केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर चुके हैं. उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर की थी. एक सूत्र ने कहा, ‘दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने, संशोधन और कार्यान्वयन में घोर उल्लंघनों और जानबूझकर की गई चूक को गंभीरता से लेते हुए LG ने मुख्य सचिव से पूरे मामले में अधिकारियों और नौकरशाहों द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.’
'मनीष सिसोदिया को किया जा सकता है गिरफ्तार'
उपराज्यपाल ने अधिकारियों की गतिविधियों, फाइल की जांच और उनके द्वारा निभाई गई भूमिका पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव की रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी सौंपी गई है. केजरीवाल ने सिसोदिया का बचाव किया और दावा किया कि उन्हें फर्जी मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है. केजरीवाल ने कहा था कि केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के मंत्रियों को फंसाने की साजिश रच रही है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.