LG VK Saxena vs Medha Patkar: मानहानि मामले में कोर्ट से लगाई दिल्ली एलजी ने गुहार, मांगी ये खास छूट

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 11, 2023, 05:28 PM IST

LG VK Saxena Medha Patkar

LG VK Saxena Defamation Case: सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ चल रहे मानहानि के मामले में उपराज्यपाल ने कोर्ट में निजी पेशी से छूट मांगी है.

डीएनए हिंदी: Delhi News- दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मानहानि के एक मामले में अदालत से निजी पेशी को लेकर छूट मांगी है. मानहानि का यह मामला उपराज्यपाल सक्सेना और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के बीच चल रहा है, जिसकी सुनवाई रेगुलर हो रही है. दिल्ली के LG वीके सक्सेना की तरफ से वकील गजिंदर कुमार और चंद्रशेखर ने मजिस्ट्रेट गौरव दहिया की कोर्ट में एक गुहार दाखिल की है, जिसमें LG सक्सेना को निजी पेशी से छूट दिए जाने का आग्रह किया गया है.

पहले ट्रायल को स्थगित कराना चाहते थे LG

इससे पहले LG सक्सेना ने कोर्ट से फिलहाल ट्रायल को स्थगित रखने की अपील की थी उन्होंने कहा था कि उनके दिल्ली का उपराज्यपाल रहने तक इस मामले के ट्रायल को स्थगित रखा जाए. उपराज्यपाल ने कोर्ट से संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत दायर एक अन्य आवेदन को भी लंबित रखने की अपील की थी. मेधा पाटकर की वकील ने वीके सक्सेना के मामले की सुनवाई स्थगित रखने की मांग वाली याचिका का विरोध किया था. 

2 जून को होगी अब केस में अगली सुनवाई

मजिस्ट्रेट दहिया ने शिकायतकर्ता के वकील के अनुरोध पर मेधा पाटकर की ओर से उपस्थित वकील श्रीदेवी को जवाब दाखिल करने और दलील रखने के लिए नोटिस दिया है. मामले की अगली सुनवाई 2 जून को सूचीबद्ध की गई है. वीके सक्सेना की तरफ से मेधा पाटकर के खिलाफ दाखिल मानहानि केस के साथ ही दायर अन्य दो आपराधिक शिकायतों की भी सुनवाई 2 जून के दिन ही होगी. गुजरात 2002 दंगों के बाद कुछ लोगों ने मेधा पाटकर पर हमला कर दिया था. तब आरोप वीके सक्सेना पर भी लगे थे. उसी मामले में गुजरात की एडिशन मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां पर वीके सक्सेना ने अपनी मांग रखी.

यह था पूरा मामला, जिसमें चल रही सुनवाई

दरअसल, मेधा पाटकर की तरफ से चलाए जा रहे नर्मदा बचाओ आंदोलन के दौरान उन पर हमला किया गया था. यह हमला करीब 21 साल पहले साल 2002 में अहमदाबाद के गांधी आश्रम में हुआ था, जहां गुजरात दंगों के तुरंत बाद 7 मार्च को मेधा पाटकर ने शांति समिति की बैठक बुला रखी थी. इस बैठक का ही विरोध करते हुए पाटकर पर हमला किया गया था, जिसमें 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. इन चार आरोपियों में दिल्ली के मौजूदा एलजी वीके सक्सेना भी शामिल थे. फिलहाल दिल्ली के उपराज्यपाल पद की जिम्मेदारी होने के आधार पर वीके सक्सेना केस की सुनवाई को स्थगित करवाना चाहते हैं.

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