अब तक कितने लोग Padma Awards लेने से कर चुके हैं इनकार, क्या थी वजह?

| Updated: Jan 27, 2022, 09:53 AM IST

Krishna Sobti, S Janaki and Buddhadeb Bhattacharjee. (File Photo)

CPM लीडर बुद्धदेब भट्टाचार्य ने पद्म भूषण अवार्ड लेने से इनकार कर दिया है. आइए जानते हैं उन लोगों के बारे में जो पहले भी इनकार कर चुके हैं.

डीएनए हिंदी: पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक हैं. भारत सरकार हर वर्ष अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को इस अवार्ड से सम्मानित करती है. पद्म पुरस्कार (Padma Awards) तीन तरह के होते हैं. पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री. तीनों पुरस्कारों की गिनती देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में होती है.

कला, समाज सेवा, लोक-कार्य, विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, साहित्य, मनोरंजन, शिक्षा, खेल-कूद जैसे क्षेत्रों में अलग पहचान बनाने वाले लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है. ये पुरस्कार राष्ट्रपति वितरित करते हैं. कुछ लोगों ने इन पुरस्कारों को लेने से इनकार भी किया है.

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किन लोगों ने पद्म भूषण लेने से किया है इनकार?

1. बुद्धदेब भट्टाचार्य (Buddhadeb Bhattacharjee)

सीपीआई (एम) (CPI M) नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य ने पद्म भूषण पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है. अब तक कुल 12 लोग ऐसे हैं जो पद्म भूषण लेने से इनकार कर चुके हैं. बुद्धदेब भट्टाचार्य साल 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे हैं.

क्यों किया पद्म पुरस्कार लेने से इनकार?

CPI(M) ने बुद्धदेब भट्टाचार्य के अवार्ड लेने से इनकार करने के बारे में एक ट्वीट किया है. बुद्धदेव भट्टाचार्य के हवाले से कहा गया, 'मैं इस पुरस्कार के बारे में कुछ नहीं जानता. इस बारे में मुझे किसी ने कुछ नहीं बताया. अगर उन्होंने मुझे पद्म भूषण देने का फैसला किया है तो मैं इसे स्वीकार करने से इनकार करता हूं.' 

CPI(M) ने ट्वीट किया, 'पद्म भूषण पुरस्कार के लिए नामांकित कॉमरेड बुद्धदेव भट्टाचार्य ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. माकपा की नीति राज्य से ऐसे पुरस्कारों से इनकार करने की रही है. हमारा काम लोगों के लिए है, पुरस्कार के लिए नहीं. कॉमरेड ईएमएस (नंबूदरीपाद) जिन्हें पहले   पुरस्कार की पेशकश की गई थी उन्होंने भी इसे अस्वीकार कर दिया था।
 
2. जर्नलिस्ट निखिल चक्रवर्ती (Nikhil Chakravarty) 

पत्रकार निखिल चक्रवर्ती ने 1990 में पद्म भूषण पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि पत्रकार की पहचान सरकार से नहीं जुड़ी होनी चाहिए.

3. सिंगर एस जानकी (S Janaki)

पार्श्व गायिका एस जानकीर ने भी पद्मभूषण पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि यह पुरस्कार उनके साढ़े पांच दशक के लंबे करियर में देर से आया है. गायिका ने यह भी जिक्र किया कि वह सरकार के खिलाफ नहीं हैं. सम्मान देने के लिए उन्होंने खुशी जाहिर की लेकिन सरकार से अनुरोध किया कि देश के दक्षिणी हिस्सों के कलाकारों के लिए कुछ और भी सोचें.

4.  कृष्णा सोबती (Krishna Sobti) 

कृष्णा सोबती लेखिका हैं. साल  2010 में उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया था. उन्हें 1996 में साहित्य अकादमी फैलोशिप मिली थी. उन्होंने कहा था कि एक लेखक के लिए सबसे बड़ी पहचान साहित्य अकादमी फैलोशिप है. एक लेखक के तौर पर मुझे प्रतिष्ठानों से दूरी बनाए रखनी चाहिए.

5. इतिहासकार रोमिला थापर (Romila Thapar)

1992 और 2005 में इतिहासकार रोमिला थापर दो बार पद्म पुरस्कारों को लेने से इनकार कर चुकी हैं. उन्होंने कहा था कि वह केवल अकादमिक संस्थानों या पेशेवर काम से जुड़े लोगों से पुरस्कार स्वीकार करेंगी. अपने 2005 के उपहार के लिए रोमिला थापर ने तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को एक स्पष्टीकरण पत्र भेजा था जिसमें जिक्र किया गया था कि उन्होंने पुरस्कार स्वीकार करने से इनकार कर दिया. 

6. एसआर शंकरन (SR Sankaran)

एसआर शंकरन एक अधिकारी थे और उन्होंने पद्म भूषण पुरस्कार लेने से 2005 में इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि सिर्फ अपनी ड्यूटी करने के लिए वह किसी भी तरह का पुरस्कार नहीं ले सकते हैं. 

7. पूर्व मंत्री सिद्धराज धड्डा 

राजस्थान के पूर्व वाणिज्य और उद्योग मंत्री और सर्वोदय कार्यकर्ता सिद्धराज धड्डा ने साल 2003 में पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कोई कारण नहीं दिया था.

8. राष्ट्रीय स्वयं सेवक कार्यकर्ता दत्तोपन्त ठेंगड़ी (Dattopant Thengadi)

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता दत्तोपन्त ठेंगड़ी ने साल 2003 में पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि केबी हेडगेवार (आरएसएस संस्थापक) और एमएस गोलवलकर (आरएसएस विचारक) को भारत रत्न जब तक नहीं दिया जाता तब तक वह पुरस्कार नहीं लेंगे.
 

9. केशुब महिंद्रा (Keshub Mahindra)

केशुब महिंद्रा ने 2002 में पद्म भूषण पुरस्कार को लेने से इनकार कर दिया था. कोर्ट में उनके खिलाफ भोपाल केस चल रहा था. उन्होंने जवाब में कहा कि सीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उनके खिलाफ भोपाल गैस लीक केस चल रहा था और कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई थी.

10. के सुब्रह्मण्यम (K Subrahmanyam)

पत्रकार और सिविल सेवक रहे के सुब्रह्मण्यम ने भी 1999 में पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था. उन्होंने यह तर्क दिाय था पत्रकारों और नौकरशाहों को सरकार से किसी भी तरह का पुरस्कार नहीं लेना चाहिए. 

11. शिशिर कुमार भादुड़ी (Sisir Kumar Bhaduri)

साल 1959 पश्चिम बंगाल के थिएटर कलाकार शिशिर कुमार भादुड़ी ने पद्म भूषण पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि राज्य पुरस्कार केवल एक चापलूस ब्रिगेड बनाने में मदद करते हैं.  

12. समाजशास्त्री जीएस घुर्ये (GS Ghurye)

समाजशास्त्री जीएस घुर्ये ने इस पुरस्कार को लेने से इनकार कर दिया था.

18 लोग पद्म श्री पुरस्कार लेने से कर चुके हैं इनकार

अब तक कुल 18 लोग ऐसे हैं जिन्होंने पद्म श्री पुरस्कार लेने से इनकार किया है. संध्या मुखर्जी, गीता मेहता, सिद्धेश्वर स्वामी, सितारिस्ट इमारत खान, पत्रकार वीरेंद्र कपूर, तमिल लेखक बी जयमोहन, लेखक सलीम खान, मलयालम लेखकर सुकुमार अझिकोड और कुंतगोडु विभूति सुब्बाना पुरस्कार लेने से इनकार कर चुके हैं.

असम के पत्रकार कनक सेन डेका, लेखक चंद्रप्रकाश साइकिया, लेखक ममोनी रायसम गोस्वामी, दीपचंद सवराज गर्दी, हेमंत मुखर्जी, तर्पदा चक्रवर्ती, कविचंद्र कालीचरण पटनायक, काशी प्रसाद पांडेय और आशा देवी आर्यानायकम पुरस्कार लेने से इनकार कर चुके हैं.

3 लोग पद्म विभूषण पुरस्कार लेने से कर चुके हैं इनकार

पद्म विभूषण लेने से कुल 3 लोग इनकार कर चुके हैं. स्वामी रंगनाथानन्द, ईएमएस नंबूदरीपाद और पीएम हंसकर भी पद्म विभूषण लेने से इनकार कर चुके हैं.

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