'आचार संहिता में हिंसा, बंगाल पुलिस क्या करती है? मत कराओ वहां चुनाव' रामनवमी हिंसा पर भड़का Calcutta High Court

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Apr 23, 2024, 05:50 PM IST

Calcutta High Court ने मुर्शिदाबाद में रामनवमी पर हुई हिंसा पर बेहद नाराजगी जताई है. चीफ जस्टिस ने साफ कहा है कि ऐसी जगह चुनाव नहीं कराने चाहिए, क्योंकि उसका कोई फायदा नहीं है.

Calcutta High Court ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में रामनवमी के त्योहार पर हुई हिंसा को लेकर बेहद कड़ी टिप्पणी की है. हाई कोर्ट ने राज्य में आचार संहिता लगी होने के बावजूद हिंसा होने पर सवाल खड़ा किया. हाई कोर्ट ने पूछा कि आखिर राज्य पुलिस और केंद्रीय बल क्या कर रहे हैं, जो हिंसा नहीं रोक सके? 17 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा को लेकर चीफ जस्टिस टीएस शिवगणम की बेंच ने कहा, ऐसे में चुनाव कराने का क्या फायदा है. 7 और 13 मई को चुनाव हैं, लेकिन हम कहेंगे कि जहां सांप्रदायिक हिंसा हुई है, उन इलाकों में चुनाव कराने ही नहीं चाहिए. हम उन निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव की अनुमति नहीं देंगे. हाई कोर्ट बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार को सख्त चेतावनी भी दी है. 

हाई कोर्ट पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा को लेकर नाराज है. मुर्शिदाबाद में बुधवार (17 अप्रैल को) रामनवमी शोभायात्रा निकाली जा रही थी. इसी दौरान शक्तिपुर इलाके में लोग जुलूस पर पथराव करने लगे. इसके वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए हैं. पथराव करने वालों पर शिकंजा कसने के बजाय पुलिस ने जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं पर ही लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले दाग दिए. इससे भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे.

'निर्वाचित प्रतिनिधियों लायक नहीं हिंसा करने वाले लोग'

हाई कोर्ट ने कहा, कोलकाता में 23 जगह रामनवमी का जश्न बिना किसी अप्रिय घटना के मनाया गया. यदि आचार सहिंता लागू होने पर भी लोगों के ग्रुप आपस में ऐसे लड़ रहे हैं तो वे किसी निर्वाचित प्रतिनिधि लायक नहीं हैं. लोग शांति-सद्भाव से नहीं रह सकते तो हम कहेंगे कि चुनाव आयोग इन इलाकों में संसदीय चुनाव नहीं करा सकता. 

'आयोग से कहेंगे टाल दे बरहामपुर में चुनाव'

हाई कोर्ट ने कहा, हम चुनाव आयोग से सिफारिश करेंगे कि शांति से जश्न नहीं मना पाने वाले लोगों को चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए. दोनों पक्षों की असहिष्णुता मंजूर करने लायक नहीं है. हम आयोग को मुर्शिदाबाद की बरहामपुर सीट पर चुनाव टालने का प्रस्ताव देंगे. 

'सीआईडी कर रही है हिंसा की जांच'

हाई कोर्ट के तीखी टिप्पणी करने पर राज्य सरकार की तरफ से पेश वकील ने कहा कि मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई है. इस पर हाई कोर्ट ने पूछा कि अब तक कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को हिंसा पर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया. इस मामले में अब शुक्रवार को सुनवाई होगी.

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