Lok Sabha Elections 2024: Chirag Paswan की BJP से बनी बात, LJPR को 5 सीट, Pashupati Paras को मिला राजनिवास

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Mar 13, 2024, 06:50 PM IST

jp nadda and chirag paswan

Lok Sabha Elections 2024: बिहार में चिराग पासवान की पार्टी पर लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में INDIA गठबंधन भी डोरे डाल रहा था, लेकिन अब भाजपा के साथ उनकी सीट शेयरिंग आखिरकार पक्की हो गई है.

Lok Sabha Elections 2024: बिहार में भाजपा को बड़ी कामयाबी हासिल हो गई है. पिछले कई दिन से चिराग पासवान (Chirag Paswan) की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (LJPR) के साथ चल रही सीट-शेयरिंग के मुद्दे पर कशमकश आखिरकार खत्म हो गई है. चिराग की पार्टी को भाजपा ने बिहार में 5 लोकसभा सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव दिया है, जिनमें सबसे खास हाजीपुर सीट है. रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) की इस परंपरागत सीट पर उनके निधन के बाद उनके छोटे भाई व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस (Pashupati paras) दावा ठोक रहे थे, जबकि चिराग पासवान भी अपने पापा की इस सीट पर अपना हक जता रहे थे. भाजपा ने सीट-शेयरिंग में यह सीट चिराग पासवान को ही दे दी है. चिराग के करीबी सूत्रों के मुताबिक, अभी पशुपति पारस को कोई सीट नहीं दी गई है. पशुपति पारस को राज्यपाल बनने का ऑफर दिया गया है. साथ ही उनके बेटे प्रिंस राज को भी बिहार सरकार में मंत्री बनाया जाएगा. अब पशुपति पारस की अध्यक्षता वाली LJP दिल्ली में बैठक करेगी, जिसके लिए बुधवार रात को सूरजभान सिंह दिल्ली पहुंच रहे हैं. इस बैठक में ही पशुपति पारस भाजपा के ऑफर पर फैसला लेंगे. 

चिराग की पार्टी को दी हैं भाजपा ने

भाजपा और LJPR के बीच सीट शेयरिंग का मुद्दा फाइनल करने के लिए बुधवार को बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और चिराग पासवान के बीच सीटों को लेकर बातचीत हुई. बैठक के बाद चिराग के बेहद करीबी सूत्र ने DNA को बताया कि सीट शेयरिंग फाइनल हो गई है. LJPR को भाजपा ने 5 सीट दी हैं, जिनमें हाजीपुर के साथ ही वैशाली, जमुई, नवादा और खगड़िया की सीट शामिल है. समस्तीपुर सीट फिलहाल छोड़ दी गई है.

बैठक के बाद चिराग बोले 'बिहार में सभी 40 सीट जीतने उतरेंगे'

जेपी नड्डा के साथ बैठक के बाद चिराग पासवान ने कहा, मैं पीएम मोदी को गठबंधन में हमेशा मेरा संरक्षण करने के लिए धन्यावाद देना चाहता हूं. उन्होंने राम विलास पासवान को हमेशा अपना दोस्त माना है. आज फिर से हम हमारे पुराने गठबंधन NDA को ताकत दे रहे हैं. आज आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav 2024) के लिए सीट-शेयरिंग फाइनल होने के बाद मैं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को धन्यवाद देना चाहता हूं. चिराग ने कहा, अगले कुछ दिन में LJP चुनावों में इस लक्ष्य के साथ उतरेगी कि बिहार में सभी 40 सीट जीतकर NDA गठबंधन देश में 400 सीट के टारगेट को हासिल कर सके. 

पशुपति को राज्यपाल पद के साथ बेटे के लिए मंत्री पद

बिहार में भाजपा की सीट शेयरिंग अब तक LJP के चाचा-भतीजे यानी पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच समझौता नहीं होने के कारण ही फाइनल नहीं हो पा रही थी. राम विलास पासवान के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) पर पशुपति पारस का कब्जा हो गया था, जबकि चिराग ने अलग पार्टी LJPR बना ली थी. भाजपा ने LJP को पहले सीट-शेयरिंग में 6 सीट देने का प्रस्ताव दिया था, जो चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच बंटनी थी. इसे लेकर पशुपति और चिराग, दोनों ही तैयार नहीं थे. इसके अलावा दोनों की तरफ से हाजीपुर लोकसभा सीट पर भी दावा ठोका जा रहा था.

सूत्रों का कहना है कि अब भाजपा चाचा-भतीजे में समझौता कराने का प्रस्ताव लाई है. इस समझौते में चिराग पासवान को हाजीपुर समेत 5 लोकसभा सीट मिली हैं, जबकि पशुपति पारस को राज्यपाल बनाए जाने का प्रस्ताव दिया गया है. साथ ही पारस को अपने बेटे प्रिंस का राजनीतिक करियर मजबूत करने का भी मौका दिया जा रहा है. इसके लिए प्रिंस को मंत्री बनाए जाने की बात कही गई है. सूत्र यह स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि समस्तीपुर लोकसभा सीट क्या पशुपति पारस की LJP को दी जाएगी या नहीं?

INDIA गठबंधन ने दिया था चिराग को 10 सीट का ऑफर

पिछले दिनों सीट-शेयरिंग पर भाजपा और चिराग पासवान के बीच बात नहीं बनने की खबर सामने आई थी. इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व वाले INDIA गठबंधन को भी जिम्मेदार ठहराया गया था. दरअसल RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की अगुआई में बिहार में चुनाव लड़ रहे INDIA गठबंधन ने चिराग की पार्टी को 10 लोकसभा सीटों का प्रस्ताव दिया था. इन सीटों में 2019 लोकसभा चुनाव में LJP द्वारा जीती गई 6 सीट के अलावा 2 अन्य सीट बिहार में दी जा रही थी, जबकि 2 सीट उत्तर प्रदेश में दिए जाने का प्रस्ताव था. इतने लुभावने ऑफर के बावजूद चिराग पासवान ने NDA में ही बने रहने का ऑफर स्वीकार किया है. 

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