Lok Sabha Elections 2024 in UP: लोकसभा चुनावों की गहमागहमी के बीच बुधवार को उत्तर प्रदेश में एक बड़ी खबर आई है. दरअसल गाजीपुर लोकसभा सीट पर बाहुबली मुख्तार अंसारी की भतीजी नुसरत अंसारी का पर्चा खारिज हो गया है. हालांकि नुसरत के पर्चे के वे दोनों सेट खारिज हुए हैं, जो उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के कैंडिडेट के तौर पर भरे थे. लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भरा गया पर्चा पास हो गया है. नुसरत को उनके पिता और गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने भी दो सेट में सपा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरा हुआ है. उधर, वाराणसी से भी एक बड़ी खबर सामने आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिमिक्री के जरिये नाम कमाने वाले कॉमेडियन श्याम रंगीला का उन्हें चुनावी मैदान में चुनौती देने का सपना टूट गया है. श्याम रंगीला का पर्चा भी बुधवार को खारिज कर दिया गया है.
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अफजाल ने 'बी-प्लान' के तौर पर भरवाया नुसरत का पर्चा
अफजाल अंसारी ने सोमवार को गाजीपुर सीट पर अपना नामांकन सपा उम्मीदवार के तौर पर किया था. उन्होंने दो सेट में पर्चा भरा था, लेकिन साथ ही सपा उम्मीदवार के तौर पर ही बेटी नुसरत का भी नामांकन दो सेट में कराया था. दरअसल यह अफजाल का 'बी-प्लान' था, जिसमें किसी कारण से यदि उनका पर्चा खारिज होता तो नुसरत सपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकती थी. सपा ने भी अफजाल और नुसरत, दोनों AB फॉर्म जारी किया था. अब नुसरत का पर्चा खारिज होने से अफजाल का यह बी-प्लान फेल हो गया है.
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इसलिए बनाना चाह रहे थे नुसरत को डमी कैंडिडेट
अफजाल ने नुसरत को डमी कैंडिडेट यूपी सरकार की उस याचिका के कारण बनाया था, जिसमें अफजाल अंसारी की सजा को चुनौती दी गई है. राज्य सरकर ने गैंगस्टर एक्ट मामले में अफजाल अंसारी को मिली सजा बढ़ाने की अपील इलाहाबाद हाई कोर्ट से की है. इस याचिका पर 20 मई को सुनवाई होनी है. यदि अफजाल अंसारी को हाई कोर्ट ने राहत नहीं दी तो उनका नामांकन स्वत: ही रद्द हो जाएगा. ऐसी स्थिति में अब नुसरत निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ही अंसारी परिवार की इस पारंपरिक सीट पर उनका प्रतिनिधित्व कर पाएगी.
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एफिडेविट नहीं देने से खारिज हुए रंगीला का पर्चा
वाराणसी में पीएम मोदी के सामने कॉमेडियन श्याम रंगीला ने मंगलवार (14 मई) को नामांकन के आखिरी दिन अपना पर्चा भरा था. उन्होंने इससे पहले अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया था कि निर्वाचन कार्यालय उनका पर्चा नहीं ले रहा है. उन्होंने एक फाइल दिखाते हुए अपने पास सारे डॉक्यूमेंट्स होने का दावा किया था. हालांकि बुधवार को उनका पर्चा नामांकन के साथ एफिडेविट नहीं देने के कारण खारिज हो गया है. मजे की बात ये है कि वाराणसी सीट पर रंगीला अकेले निर्दलीय प्रत्याशी नहीं थे, बल्कि इस सीट पर करीब एक दर्जन निर्दलीय समेत कई सुने-अनसुने दलों के कुल 41 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें से करीब 27 ने मंगलवार को ही नामांकन कराया है.
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