Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर भले ही भाजपा, सपा और बसपा के नाम की ही चर्चा सुनाई दे रही है. देश के इस सबसे ज्यादा सीटों वाले राज्य में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं दिख रहा है, लेकिन फिर भी यहां की दो सीट की चर्चा कांग्रेस के बिना पूरी नहीं हो सकती है. बात हो रही है कांग्रेस की परंपरागत रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट की, जहां से अब तक पार्टी ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं. अमेठी सीट को लेकर कांग्रेस में तय माना जा रहा है कि इस बार भी यहां से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ही उतरेंगे, जिन्हें पिछली बार अपने इस किले को भाजपा की स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के हाथों गंवाना पड़ा था. लेकिन हर कांग्रेसी की नजर उस रायबरेली सीट से घोषित होने वाले उम्मीदवार पर टिकी हुई है, जिसे कांग्रेस का अभेद किला माना जाता है. पार्टी सूत्रों ने बुधवार को कहा कि इस बार रायबरेली सीट पर पारिवारिक विरासत संभालने की जिम्मेदारी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा को मिल सकती है, जिनका इलेक्टोरल डेब्यू अब तक होना बाकी है.
पहले जान लीजिए रायबरेली सीट की क्यों है चर्चा
रायबरेली सीट को गांधी परिवार की पैतृक सीट माना जाता है. पहले इस लोकसभा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी चुनाव लड़ती थीं, जो यहां से तीन बार विजेता रहीं. इसके बाद यह सीट उनकी बहू और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हिस्से में आईं, जो यहां से 5 बार चुनाव जीत चुकी हैं. सोनिया गांधी इस सीट से मौजूदा सांसद भी हैं. गांधी परिवार और इस सीट का जुड़ाव ऐसे समझा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी लहर के दौरान भी सोनिया गांधी को इस सीट पर जिताकर यहां की जनता ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 'शून्य' पर बोल्ड होने से बचा लिया था. इस बार सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) यहां से चुनावी होड़ में नहीं हैं. उन्होंने इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने के बजाय पहली बार राज्यसभा चुनाव में उतरकर संसद की राह तय की है. इसी से यह चर्चा शुरू हुई है कि मां के बाद अब बेटी उनकी विरासत को रायबरेली में संभालेगी. हालांकि ना तो सोनिया गांधी और ना ही प्रियंका गांधी की तरफ से अब तक इस बारे में कोई चर्चा सामने आई है, लेकिन पार्टी सूत्रों का दावा है कि प्रियंका गांधी के पहली बार चुनाव में इसी सीट से उतरने का फैसला हो चुका है. बस इसकी घोषणा होनी बाकी है.
स्थानीय जनता भी चाहती है प्रियंका गांधी को
प्रियंका गांधी को रायबरेली से चुनाव लड़ाने की अपील वाले पोस्टर भी स्थानीय लोगों द्वारा जगह-जगह चिपकाए गए हैं. प्रियंका गांधी को यहां से चुनाव लड़ाने की मांग इसलिए भी उठ रही है, क्योंकि वे पहले से ही इस इलाके में बेहद प्रसिद्ध हैं. अपनी मां के साथ चुनाव अभियानों के दौरान और फिर पार्टी महासचिव के तौर पर उत्तर प्रदेश की प्रभारी रहने के दौरान प्रियंका को यहां खासी तवज्जो दी है. खासतौर पर लोगों में उनका अपनी दादी की झलक देने वाला लुक स्थानीय वोटरों में बेहद चर्चा का सबब बना रहा है.
राहुल गांधी अमेठी के साथ वायनाड से भी लड़ेंगे चुनाव
राहुल गांधी को 2019 के लोकसभा चुनावों में अमेठी सीट पर आश्चर्यजनक तरीके से हार का सामना करना पड़ा था. राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी को अब भी अमेठी में बेहत लोकप्रिय माना जा रहा है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि राहुल इस बार भी अमेठी में चुनौती संभालेंगे, लेकिन स्मृति ईरानी की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें केरल की वायनाड सीट से भी उतारा जाएगा. लोकसभा चुनाव 2019 में भी कांग्रेस ने यही रणनीति अपनाई थी, जिससे राहुल गांधी अमेठी में हारने के बावजूद वायनाड सीट से जीतकर संसद में पहुंच गए थे. वायनाड को भी कांग्रेस की सुरक्षित सीट माना जाता है.
क्यों नाम घोषित नहीं कर रही कांग्रेस?
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने अब तक रायबरेली या अमेठी से अपने उम्मीदवार जानबूझकर घोषित नहीं किए हैं. पार्टी पहले भाजपा के उम्मीदवारों के नाम घोषित होने का इंतजार कर रही है. भाजपा के लिए अमेठी में स्मृति ईरानी का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. लेकिन रायबरेली में भगवा दल किसे उतारता है, इस पर कांग्रेस की निगाह बनी हुई है. उसी हिसाब से कांग्रेस अपने उम्मीदवार का नाम तय करेगी.
गुरुवार शाम को हो सकता है नामों पर फैसला
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक गुरुवार शाम को होनी है. इसे बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि 9 मार्च तक चलने वाली इस बैठक में लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी कैंडीडेट्स के नामों पर मंथन होगा. सूत्रों का कहना है कि इसी बैठक में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नाम पर भी आखिरी फैसला लिया जाएगा. दो दिन की CEC मीटिंग खत्म होने के बाद इन दोनों की लोकसभा सीटों के नाम का ऐलान किया जा सकता है.
DNA हिंदी अब APP में आ चुका है. एप को अपने फोन पर लोड करने के लिए यहां क्लिक करें.
देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.