Lok Sabha Elections 2024: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हाल ही में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा खत्म की है. हजारों किलोमीटर पैदल चलने के बाद राहुल गांधी का अब फोकस लोकसभा चुनाव 2024 पर है.
राहुल गांधी की न्याय यात्रा में हजारों लोग उनके साथ नजर आए. उन्होंने असम से लेकर महाराष्ट्र तक की यात्रा की है. राहुल गांधी को हजारों लोगों का जनसमर्थन मिला है.
एक तरफ जहां इंडिया ब्लॉक की छोटी-छोटी पार्टियां उम्मीदवारों पर कई दिनों का मंथन कर रही हैं, वहीं राहुल गांधी केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की अहम बैठकों में नजर नहीं आ रहे हैं.
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राहुल गांधी अब उम्मीदवारों पर नहीं लेते हैं फैसला
इंडिया ब्लॉक के सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृ्त्व वाले गठबंधन NDA के खिलाफ वे चुन-चुनकर उम्मीदवार उतार रहे हैं. वहीं, राहुल गांधी कांग्रेस की बैठकों में दखल नहीं दे रहे हैं.
राहुल गांधी की गैरमौजूदगी लोगों को खल रही है. लोग उनके गायब होने को लेकर सवाल उठा रहे हैं. आइए जानते हैं क्यों राहुल गांधी की गैरमौजूदगी खल रही है.
CEC के सदस्य फिर भी बैठकों में नहीं आ रहे नजर
राहुल गांधी कांग्रेस की केंदीय चुनाव समिति के सदस्य हैं. कांग्रेस उन्हें प्रधानमंत्री पद का प्रबल दावेदार मानती है. मोदी बनाम राहुल गांधी की सियासत देशभर में हो रही है लेकिन फिर भी राहुल किसी भी अहम जिम्मेदारी से बच रहे हैं.
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राहुल गांधी बुधवार को दिल्ली में ही थे लेकिन वे कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में शामिल नहीं हुए. यूपी में रायबरेली और अमेठी को कांग्रेस के लिए सुरक्षित सीट माना जाता है, दोनों पर फैसला होना है लेकिन राहुल नजर नहीं आ रहे.
ये है राहुल गांधी के दूर होने की असली वजह
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हैं. राहुल गांधी परिवारवाद के आरोपों में घिरे हैं. कांग्रेस को लोग गांधी परिवार की पार्टी कहते हैं. ऐसे में राहुल गांधी पार्टी से जुड़े अहम फैसलों से जानबूझकर दूरी बरत रहे हैं.
वे मीटिंग से दूरी बरत रहे हैं, ऐसे में विपक्ष को संदेश देने की कोशिश है कि पार्टी अध्यक्ष उम्मीदवारों पर फैसला लेता है, सोनिया गांधी या राहुल गांधी नहीं.
यह भी संदेश देने की कोशिश है कि राहुल गांधी पार्टी में कार्यकर्ता की हैसियत से जुड़े हैं. राहुल गांधी, पार्टी से जुड़े फैसले नहीं करते हैं. वे भी पार्टी आलाकमान के फैसलों को मानते हैं.
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