Delhi Service Bill आज राज्यसभा में पेश होगा, केजरीवाल बोले 'BJP ने जनता की पीठ में घोंपा छुरा'

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 04, 2023, 06:30 AM IST

गृहमंत्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल.

दिल्ली सर्विस बिल लोकसभा से पास हो गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बिल के पास होने के बाद केंद्र सरकार पर जमकर बरसे हैं.

डीएनए हिंदी: दिल्ली सेवा विधेयक (Delhi Service Amendment Bill) शुक्रवार को संसद में राज्यसभा के अंदर पेश किया जाएगा. विपक्ष के हंगामे और बहिष्कार के बीच यह विधेयक गुरुवार को लोकसभा के अंदर पास हो गया था. लोकसभा में विधेयक पारित होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जमकर भड़के हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर दिल्ली के लोगों की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया. अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि लोग, पीएम मोदी की किसी भी बात पर भरोसा न करें. अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'भाजपा ने हमेशा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया. 2014 में मोदी ने कहा था कि प्रधानमंत्री बनने पर वह दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे. लेकिन आज इन लोगों ने दिल्ली के लोगों की पीठ में छुरा घोंपा है. आगे से मोदी जी की किसी भी बात पर विश्वास मत करना.'

राज्यसभा का गणित भी भाजपा के पक्ष में

राज्यसभा में भी विधेयक के शुक्रवार को आसानी से पारित होने की संभावना है. राज्यसभा में विधेयक को पारित कराने के लिए 119 वोट चाहिएं, जबकि भाजपा नेतृत्व वाले NDA और लोकसभा में बिल का समर्थन करने वाले दलों के पास राज्यसभा में इससे ज्यादा सांसद हैं. दूसरी तरफ, विपक्ष के पास मौजूद सांसदों का आंकड़ा 100 के पार भी मुश्किल से पहुंच रहा है.

'दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक'
अरविंद केजरीवाल केजरीवाल ने विधेयक पेश होने के बाद कहा कि यह दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'आज लोकसभा में अमित शाह जी को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले विधेयक पर बोलते सुना. विधेयक का समर्थन करने के लिए उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है. बस इधर-उधर की फ़ालतू बातें कर रहे थे. वह भी जानते हैं, वह गलत कर रहे हैं.' सीएम केजरीवाल ने कहा, 'यह दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है. उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला विधेयक है. इंडिया ऐसा कभी नहीं होने देगा.’

केंद्र के खिलाफ INDIA गठबंधन से सहयोग चाहते हैं केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में ग्रुप-ए अधिकारियों के नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ टकराव है. केंद्र ने मई में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया था, जिसने दिल्ली में सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंपने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलट दिया था. वह विपक्षी गठबंधन INDIA से सेवा बिल पर सहयोग चाहते थे लेकिन बिल पेश करने के दौरान ज्यादातर विपक्षी दलों के सांसदों ने वॉकआउट का विकल्प चुन लिया.

बिल के समर्थन में गृहमंत्री अमित शाह ने क्या दिया तर्क?

इससे पहले गुरुवार को करीब चार घंटे की बहस के बाद दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले और पदस्थापना से संबंधित दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023 को लोकसभा ने पारित कर दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा का जवाब दिया. अमित शाह ने स्पष्ट किया कि केंद्र शासित प्रदेशों पर कानून बनाने की शक्ति केंद्र सरकार के पास है और केंद्रशासित प्रदेश होने के नाते केंद्र को नियम बनाने का भी पूरा अधिकार है. 

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दिल्ली सेवा बिल पर लोकसभा में क्या-क्या बोले अमित शाह?
अमित विधेयक पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस ने बिना किसी टकराव के लंबे समय तक दिल्ली में शासन किया, लेकिन समस्याएं 2015 में उस वक्त पैदा हुईं जब एक सरकार आई जिसका मकसद सेवा करना नहीं, बल्कि झगड़ा करना है. (इनपुट: भाषा)

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