डीएनए हिंदी: Ram Mandir Ayodhya Inauguration Updates- उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में रामलला की राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं. आगामी 22 जनवरी को वह ऐतिहासिक पल होगा, जब सदियों बाद रामलला फिर से भवन में विराजेंगे. इस ऐतिहासिक पल को और ज्यादा खास बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और तैयारी शुरू कर दी है. राम मंदिर (Ram Mandir Ayodhya) में प्रतिष्ठित होने वाले रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान राम का एक विशालकाय स्वरूप भी देखने को मिला करेगा. दरअसल सरयू नदी के तट पर भगवान राम की 823 फुट ऊंची मूर्ति लगाने की तैयारी की जा रही है, जो दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति के अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी. इस मूर्ति के प्रोटोटाइप को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही मंजूरी दे चुके हैं. जल्द ही इसे सरयू तट पर स्थापित करने का काम शुरू हो जाएगा.
मानेसर में चल रहा है मूर्ति का निर्माण
भगवान राम के पवित्र जन्मस्थान पर भव्य राम मंदिर में रामलला के प्रकटीकरण पर जिस तरह से मोदी सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है, उससे पूरी दुनिया की निगाहें इस समय अयोध्या पर लगी हुई हैं. ऐसे में यहां दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति की स्थापना इस चर्चा को एक अलग ही स्तर पर पहुंचा देगी. भगवान राम की इस मूर्ति को तैयार करने का काम हरियाणा के प्रसिद्ध मूर्तिकार नरेंद्र कुमावत को मिला है, जिनकी देखरेख में फिलहाल हरियाणा के मानेसर स्थित एक फैक्टरी में यह मूर्ति बनाई जा रही है.
पंच धातु की बनेगी मूर्ति, कीमत होगी 3,000 करोड़ रुपये
823 फुट ऊंची भगवान राम की यह मूर्ति पांच पवित्र धातुओं (पंच धातु) के मेल से बनेगी. इसमें 80% तांबा होगा. जिसकी कीमत पूरा होने के बाद करीब 3,000 करोड़ रुपये होगी. इसका वजन करीब 13,000 टन होगा. फिलहाल इसका 10 फुट ऊंचा प्रोटोटाइप तैयार किया गया है और फाइनल बजट को मंजूरी मिलने का इंतजार चल रहा है.
सरदार पटेल के स्टैच्यू का टूट जाएगा रिकॉर्ड
भगवान राम की यह मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होगी. यह रिकॉर्ड फिलहाल गुजरात के केवडिया में नर्मदा सागर बांध के किनारे स्थापित सरदार पटेल के 790 फुट ऊंचे स्टैच्यू के नाम है. कुमावत का दावा है कि यह मूर्ति कला के स्तर पर अलग ही मानक स्थापित करेगी. दुनिया का चौथा सबसे बड़ा स्टेचू होने का रिकॉर्ड राजस्थान के नाथद्वारा में लगी हुई भगवान शिव की प्रतिमा है. यह भी नरेश कुमावत की कलाकृति है.
80 फीसदी हिस्सा चीन में बनेगा
एक दिलचस्प पहलू ये है कि भगवान राम की मूर्ति का 70 से 80 फीसदी अहम हिस्सा चीन में बनाया जाएगा. नरेश कुमावत का दावा है कि अगर उन्हें बजट की फाइनल मंजूरी मिल जाती है तो भगवान राम की प्रतिमा पहली पूरी तरह स्वदेशी प्रतिमा होगी जो इतनी ऊंची बनाई जाएगी. अयोध्या में नमो घाट पर लगी हुई हाथों की प्रतिमा नरेश कुमावत की ही बनाई हुई है इसके अलावा भारत की सुप्रीम कोर्ट में लगी बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति, भारत की नई संसद में लगी सरदार पटेल की मूर्ति, संसद के अंदर समुद्र मंथन का धातु से तैयार किया गया दृश्य, नोएडा में भगवान शिव की प्रतिमा भी आर्टिस्ट नरेश कुमावत की ही बनाई हुई कलाकृतियां है.
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