Lucknow News: कितना कमाते हैं 'नवाबों के शहर' के भिखारी? 90,000 रुपये महीना का आंकड़ा उड़ा देगा आपकी नींद

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Oct 26, 2024, 12:53 AM IST

Lucknow News: सरकारी सर्वे में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के भिखारी गरीब और मजलूम नहीं बल्कि लखपति अमीरजादे हैं. इस सर्वे के आंकड़े आपको हैरान कर सकते हैं.

Lucknow News: अगली बार आप उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में किसी भिखारी पर तरस खाकर मदद करने लगें तो पहले ये रिपोर्ट याद कर लें. एक सरकारी सर्वे में खुलासा हुआ है कि लखनऊ के जिस भिखारी को 'गरीब, मजलूम या बेसहारा' समझकर आप भीख देते हैं, उसके बैंक खाते में आपसे ज्यादा रकम हो सकती है. सर्वे में सामने आया है कि 'नवाबों के शहर' के भिखारी फक्कड़ नहीं बल्कि 'लखपति अमीरजादे' हैं. इस सर्वे में लखनऊ के भिखारियों की औसत कमाई 90,000 रुपये महीना आंकी गई है, जो इस महानगर में बेहतरीन नौकरी करने वाले 80 फीसदी प्रोफेशनल्स से भी कहीं ज्यादा है. लखनऊ में भिखारियों की धरपकड़ और सर्वे अभियान में कई भिखारियों के बैंक खातों में लाखों रुपये जमा मिले हैं तो कई कोठीनुमा मकान के मालिक पाए गए हैं. इतना ही नहीं लखनऊ में ऐसे भिखारी भी अधिकारियों को मिले हैं, जो स्मार्टफोन चलाते हैं और जिन्हें इनकमटैक्स ने पैनकार्ड भी जारी कर रखा है. 

'सरकारी मदद नहीं चाहिए बस भीख मांगने दो'
लखनऊ में भिखारियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की कवायद चल रही है. इसके लिए नगर निगम और समाज कल्याण विभाग के साथ मिलकर डूडा अभियान चला रहा है, जिसमें भिखारियों के फॉर्म भरवाकर उनके आधार कार्ड लिए जा रहे हैं. इस सर्वे में लगी 5 टीमों को अब तक 5,312 भिखारी मिल चुके हैं. इनमें से कई भिखारी लखपति हैं, जिन्होंने हाथ जोड़कर बस इतना कहा,'सरकारी मदद नहीं चाहिए बस भीख मांगने की अनुमति दिला दो.' एक भिखारी ने तो अपने बैंक खाते में 13 लाख रुपये जमा दिखाए हैं.

चारबाग के भिखारी हैं सबसे अमीर

सर्वे में शामिल अधिकारी भिखारियों की कमाई जानकार चौंक रहे हैं. डूडा के परियोजना अधिकारी सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि कई भिखारियों की कमाई ने मुझे हैरान कर दिया. सर्वे में पाया गया है कि चारबाग के भिखारी लखनऊ में सबसे ज्यादा अमीर है. इनकी कमाई अन्य इलाकों के भिखारियों से कहीं ज्यादा है. त्रिपाठी के मुताबिक, लखनऊ में मिले भिखारियों में महज 10 फीसदी ही मजबूरी में ये काम कर रहे हैं. बाकी 90 फीसदी पेशेवर भिखारी हैं. ये पेशेवर भिखारी बाराबंकी, हरदोई, रायबरेली, सीतापुर और लखीमपुर खीरी से केवल भीख मांगने लखनऊ आते हैं. उन्होंने लोगों से भिखारियों को भीख नहीं देने की अपील भी की है.

रोजाना कितनी भीख बांट रहा है लखनऊ?

  • सरकारी सर्वे में एक भिखारी की औसत कमाई 1200 रुपये आंकी गई है.
  • इस लिहाज से लखनऊ के लोग रोजाना करीब 63 लाख रुपये की भीख बांट रहे हैं.
  • भीख में सबसे ज्यादा कमाई महिलाओं की है, गर्भवती हो तो दोगुनी कमाई.
  • गर्भवती या गोद में छोटा बच्चा रखने वाली महिला रोज 3,000 रुपये तक कमाती है.
  • इस लिहाज से गर्भवती महिला हर महीने 80-90 हजार रुपये तक कमा लेती है.
  • बच्चे या बूढ़े भिखारी को रोजाना 1,500 से 2,000 रुपये तक भीख मिलती है.
  • कमाई का यह आंकड़ा केवल पैसे का है. बाकी खाना-पीना व कपड़ा इससे अलग है.

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