डीएनए हिंदीः अस्थमा (Asthma) के रोगियों के उपचार को लेकर हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है. लंग इंडिया जर्नल (Lung India journal) में प्रकाशित इस रिपोर्ट में श्वसन संबंधी दवाओं के बारे में बताया गया है. इस रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर अस्थमा से होने वाली मौतों में भारत का योगदान 42 प्रतिशत है. अध्ययन में यह भी बताया गया है कि मौतों में वृद्धि होने का मुख्य कारण 90 प्रतिशत अस्थमा रोगियों को सही दवा नहीं मिलना है.
पुल्मोकेयर रिसर्च एंड एजुकेशन (प्योर) फाउंडेशन के निदेशक और अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. सुदीप साल्वी ने एक मीडिया रिपोर्ट में बताया है कि देश में अनुमानित 34.3 मिलियन अस्थमा रोगी हैं जो विश्व के कुल 262 मिलियन मामलों का 12.9% है. वहीं दुनिया में हर साल 4.61 लाख लोग अस्थमा से मरते हैं और भारत में 1.98 लाख मौत होती है. उन्होंने कहा कि यह वास्तव में बहुत चिंताजनक है और इसके पीछे के कारण की पहचान करना महत्वपूर्ण है.
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डॉ साल्वी ने बताया ने बताया कि हमने इस साल की शुरुआत में देश में दवा की बिक्री का एक प्रमाणिक स्रोत IQVIA (इंटरकांटिनेंटल मार्केटिंग सर्विसेज एंड क्विंटिल्स) से भारत में इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (ICS) की बिक्री प्राप्त करने के बाद एक गहन विश्लेषण किया.
इसकी तुलना इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स की अपेक्षित बिक्री से की गई थी. भारत में 34.3 मिलियन अस्थमा रोगियों के लिए इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स की कुल बिक्री 384 मिलियन यूनिट होनी चाहिए लेकिन 2020-21 में वास्तव में केवल 26.4 मिलियन यूनिट की बिक्री हुई थी. इसका मतलब यह है कि भारत में 90% से अधिक अस्थमा रोगियों को अस्थमा की सही दवा नहीं मिली रही है.
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