डीएनए हिंदी: मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक केस में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा एक्शन लिया है. ED ने M3M के दूसरे डायरेक्टर बसंत बंसल पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें 400 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि बसंत बंसल, रूप बंसल के भाई हैं और अब दोनों भाई ईडी की गिरफ्त में हैं. गौरतलब है कि ईडी ने हाल ही में IRO ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी की थी जिसमें काफी संपत्ति जब्त की गई थी.
ED को छापेमारी के दौरान फरारी, लैंड रोवर, लेम्बोर्गिनी, बेंटले, रोल्स रॉयस और मर्सिडीज मेबैक समेत लग्जरी गाड़ियां मिली थीं. इसके अलावा 60 करोड़ रुपये के अधिग्रहण प्राइज के साथ, 5.75 करोड़ की ज्वैलरी और 15 लाख रुपये कैश मिला था. इसके अलावा कई आपत्तिजनक दस्तावेज के साथ बही खाते मिले थी जिन्हें ईडी ने जब्त कर लिया है.
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400 करोड़ रुपये के गबन का मामला
M3M के खिलाफ जांच में ईडी को पता चला था कि एम3एम ग्रुप के माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपये का गबन किया गया है. आरोप हैं कि एम3एम ग्रुप ने कई लेयर्स में कई शेल कंपनियों के जरिए आईआरईओ ग्रुप से करीब 400 करोड़ रुपये पाए. ईडी ने ये भी कहा था कि ट्रांजेक्शन को विकास के लिए भुगतान के तौर पर दिखाया गया था.
आरोप हैं कि 400 करोड़ रुपये की राशि आईआरईओ ग्रुप से मिली थी. इसके बाद 5 शेल कंपनियों ने कई शेल कंपनियों और लेयर्स के जरिए एम3एम ग्रुप को पैसा ट्रांसफर किया था. ईडी ने जांच को लेकर यह भी कहा है कि सारी शेल कंपनियों का मालिकाना हक और संचालन एम3एम ग्रुप की तरफ से इसके प्रमोटर्स, बसंत बंसल, रूप कुमार बंसल और उनके परिवार के सदस्यों के डायरेक्शन में किया गया था.
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जांच में हुए बड़े खुलासे
प्रवर्तन निदेशालय ने बताया है कि 4 करोड़ रुपये की एक जमीन का स्वामित्व एम3एम ग्रुप के पास था. शुरुआत में एम3एम समूह ने 10 करोड़ रुपये के पेमेंट पर 5 शेल कंपनियों को भूमि के डेवलपमेंट राइट्स बेचे थे. पहले बताया गया कि ये 5 कंपनियां असंबद्ध संस्थाएं थीं. वहीं जब जांच हुई तो पता चला है कि पांच शेल कंपनियां एम3एम ग्रुप ने संचालित की थीं. इसके बाद इन कंपनियों ने तुरंत उसी जमीन के विकास अधिकार करीब 400 करोड़ में आईआरईओ ग्रुप को बेच दिए थे.
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