अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार, पढ़ें क्यों हुआ ऐसा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 25, 2023, 02:13 PM IST

अमरमणि त्रिपाठी.

मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. आखिर कोर्ट ने ऐसा क्यों किया, पढ़ें रिपोर्ट.

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट ने कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. उत्तर प्रदेश जेल विभाग ने बृहस्पतिवार को राज्य की 2018 की छूट नीति का हवाला देते हुए अमरमणि त्रिपाठी की समय पूर्व रिहाई का आदेश जारी किया था, जो जेल में 16 साल पूरे कर चुके हैं. 

जस्टिस अनिरूद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कवयित्री की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर राज्य सरकार, त्रिपाठी और उनकी पत्नी को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह के भीतर जवाब मांगा. अधिकारियों ने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जेल विभाग ने उनकी उम्र और अच्छे व्यवहार का भी हवाला दिया क्योंकि अमरमणि 66 साल के हैं और मधुमणि 61 साल की हैं. 

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क्या था अमरमणि त्रिपाठी पर आरोप?
अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी फिलहाल गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं. कवयित्री मधुमिता गर्भवती थीं जिनकी नौ मई 2003 को लखनऊ की पेपर मिल कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अमरमणि त्रिपाठी को सितंबर 2003 में हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था जिसके साथ वह कथित तौर पर रिश्ते में थे. 

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मधुमणि और अमरमणि दोनों को मिली है सजा
देहरादून की एक अदालत ने अक्टूबर 2007 में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. बाद में नैनीताल उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने दंपति की सजा को बरकरार रखा था. मामले की जांच CBI ने की थी. (इनपुट: भाषा)

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