Maharashtra Factory Blast: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में एक बड़ा हादसा हो गया है. रायगढ़ के रोहा शहर की एक केमिकल फैक्ट्री में खतरनाक मेथेनॉल टैंक अचानक बड़े बम की तरह फट गया, जिसकी चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि तीन लोग ही घायल हुए हैं. मरने वाले तीनों मजदूर उत्तर प्रदेश के रहने वाले बताए गए हैं, जो वहां नौकरी करने के लिए गए थे. हादसे (Raigad Chemical Factory Blast) का पक्का कारण अब तक पता नहीं चला है, लेकिन महाराष्ट्र पुलिस (Maharashtra Police) ने फैक्ट्री में चल रही वेल्डिंग की चिंगारी के कारण मेथेनॉल टैंक में ब्लास्ट होने की आशंका जताई है. हादसे में घायल मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है.
मुंबई से करीब 110 किलोमीटर दूर है फैक्ट्री
मुंबई से करीब 110 किलोमीटर दूर रोहा शहर के धतव MIDC में स्थित साधना नाइट्रो केम लिमिटेड फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ है. रायगढ़ के एसपी सोमनाथ घरगे ने बताया कि फैक्ट्री के केमिकल भंडारण टैंक में विस्फोट की घटना सुबह 11.15 बजे हुई है. मजदूरों के वेल्डिंग करने के दौरान चिंगारी मेथेनॉल भंडारण टैंक में जा गिरी, जो विस्फोटक होता है. इससे टैंक बम की तरह फट गया और उसके आसपास काम कर रहे उत्तर प्रदेश के तीन मजदूरों बासुकी यादव (45), दिनेश कुमार खरबन (60) और संजीव कुमार (20) की मौत हो गई है. साथ ही तीन अन्य मजदूर बुरी तरह झुलस गए हैं.
घायल कराए हैं नवी मुंबई के अस्पताल में भर्ती
अधिकारियों ने बताया कि घायलों को स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के नवी मुंबई रेफर कर दिया गया. वहां उन्हें ऐरोली में नेशनल बर्न्स सेंटर में रखा गया है. तीनों की हालत गंभीर बनी हुई है. मृत मजदूरों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
आधा घंटा लगा आग काबू करने में
अधिकारियों ने बताया कि फैक्ट्री में आग लगने की सूचना मिलते ही फायर सर्विस और पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई. तब तक फैक्ट्री के मजदूरों ने वहां लगे फायर फाइटिंग उपकरणों से खुद ही आग बुझाने की कोशिश शुरू कर दी थी. इसके चलते फायर टीम को आग पर काबू पाने में ज्यादा समय नहीं लगा. करीब आधा घंटे के अंदर आग बुझा ली गई थी.
विस्फोटक TNT बनाने में इस्तेमाल होता था पहले मेथेनॉल
मेथेनॉल बेहद विस्फोटक प्रवृत्ति का रसायन होता है. मेथेनॉल की मदद से ही पुराने जमाने में विस्फोटक टीएनटी तैयार किया जाता था, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों को उड़ाकर रास्ते तैयार करने से लेकर तमाम अन्य तरह के विस्फोट वाले काम भी किए जाते थे. मेथेनॉल हल्की सी आंच मिलते ही बम की तरह विस्फोट करने लगता है.
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