डीएनए हिंदी: पूरे महाराष्ट्र में कैब एग्रीगेटर को केंद्र सरकार की संशोधित गाइडलाइन्स के मुताबिक लाइसेंस लेना जरूरी है. मुंबई हाई कोर्ट ने 9 मार्च तक नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा राज्य सरकार को यह नोटिस ऑनलाइन भी जारी करना होगा. इस अधिसूचना के बाद एग्रीगेटर्स को 16 मार्च तक लाइसेंस अप्लाई करना होगा. आरटीओ को 15 दिनों के अंदर सभी ऐप्लिकेशन पर फैसला लेना होगा.
प्रदेश में अब तक नहीं था लाइसेंस का नियम
आरटीओ के पास से अगर अर्जी स्वीकार नहीं होती है तो एग्रीगेटर के पास स्टेट ट्रांसपोर्ट आर्बिटेशन या फिर एक्सीडेंट क्लेम अथॉरिटी के अध्यक्ष के पास अपील करने का अधिकार होगा. हाई कोर्ट ने जनहित में जारी याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है. महाराष्ट्र में कैब एग्रीगेटर्स के लिए अब तक कोई विशेष गाइडलाइंस नहीं है. हाई कोर्ट ने इसे कानून के उल्लंघन का मामला बताया है. प्रदेश में अब तक ओला- ऊबर टूरिस्ट परमिट के साथ टैक्सी चलाते हैं.
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राइडर को मिलेंगी ज्यादा सुविधाएं
सिटी टैक्सी लाइसेंस के बाद कंपनियों को अपनी हेल्पलाइन बेहतर कंपनी होगी. अब महाराष्ट्र में सिटी टैक्सी नियमों के तहत, लाइसेंस मिलने के बाद ओला-ऊबर का किराया राज्य सरकार तय कर सकती है. कंपनियों की मनमानी नहीं चलेगी और डिमांड के मुताबिक किराया तेजी से नहीं बढ़ेगा. साथ ही, यह भी ध्यान रखना होगा कि खराब सर्विस या टैक्सी चालक कि शिकायत के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन एग्रीगेटर कंपनी को देनी होगी. एसओएस बटन पर खास तौर पर ध्यान देना होगा और टैक्सी की मूवमेंट का पूरा लेखा-जोखा हेल्पलाइन सेंटर में रहेगा.
राइड कैंसल करने को लेकर नए नियम
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, राइड कैंसल करने पर फीस का कुल किराया 10% किया जाएगा जो राइडर और ड्राइवर दोनों के लिए 100 रुपये से ज्यादा नही होगा. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक ड्राइवर को 80% किराया मिलेगा और 20% कंपनी कमीशन के तौर पर लेगी.
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