डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले एक हफ्ते में बड़े बदलाव देखे गए हैं. NCP प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) और उनके भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) ने सिलसिलेवार तरीके से कांग्रेस को अडानी मुद्दे पर जेपीसी से लेकर पीएम मोदी की डिग्री के मामले में झटका दिया है. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) में बढ़ती इस तल्खी के बीच ही अजित पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) से मुलाकात कर कांग्रेस के विपक्षी एकता के प्रयासों को झटका देते हुए सियासी अटकलें बढ़ा दी हैं. इस टकराव के चलते यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर कैसे कांग्रेस बीजेपी से 2024 में चुनावी लड़ाई के लिए विपक्षी दलों को एकजुट कर पाएगी.
दरअसल, महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता अजित पवार ने बुधवार को सह्याद्री गेस्ट हाउस में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है. यह मुलाकात करीब 1 घंटे तक चली. NCP के बदले रुख के बीच NDA सरकार के नेताओं से अजित पवार की मुलाकात ने राजनीतिक कयासों का बाजार गर्म कर दिया है.
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हाल ही में अजित पवार ने पीएम मोदी की तारीफ की थी. उन्होंने EVM पर उठाए जा रहे सवालों के बीच कहा था कि NCP को ईवीएम पर विश्वास है. पवार ने कहा था कि पीएम मोदी के नेतृत्व के चलते ही बीजेपी दूसरी बार सत्ता में आई है और राज्यों में भी बीजेपी की सरकारें हैं. अजित पवार ने महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले के बयानों को लेकर भी आपत्ति जताई और कहा कि उनके बयानों के चलते ही MVA में दरार पड़ सकती है. बता दें कि 7 दिन में नाना पटोले दूसरी बार दिल्ली दौरे पर जा चुके हैं जो कि कांग्रेस की बेचैनियों का संकेत दे रहा है.
बता दें कि इससे पहले एनसीपी मुखिया शरद पवार ने अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांगों को नकार दिया था. उन्होंने कहा था कि जब अभी सुप्रीम कोर्ट इस मामले को देख रहा है तो जेपीसी का कोई मतलब नहीं है. कांग्रेस के लिए शरद पवार का यह बयान हैरान करने वाला रहा क्योंकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग पर अड़े हुए हैं. इतना ही नहीं, पीएम मोदी की डिग्री को लेकर उठाए गए सवालों पर भी शरद पवार ने विपक्षी दलों से अलग लाइन ले ली थी.
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गौरतलब है कि एमएससीबी घोटाले के मामले में पीएमएलए कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट दायर की है. इस चार्जशीट में अजित पवार और उनकी पत्नी का नाम नहीं है, जिसके चलते शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट भी सवाल उठा रहा है. राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि इसका साफ मतलब है कि बीजेपी ने ईडी और सीबीआई का गलत इस्तेमाल किया. जांच शुरू की और उन्हें परेशान किया. उनके परिवार और रिश्तेदारों के यहां छापा मारा. अब चार्जशीट में उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है.
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हालांकि अजित पवार का बीजेपी के प्रति पहले ही कई बार नर्म रुख दिखा है और अब बीजेपी भी एनसीपी को सत्ता में साथ आने का आमंत्रण दे रही है जो कि कांग्रेस और उद्धव गुट शिवसेना के लिए राज्य की राजनीति के लिहाज से भी बड़ा झटका हो सकता है.
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