डीएनए हिंदी: Maharashtra NCP Crisis- महाराष्ट्र में चल रही 'चाचा-भतीजे' की जंग का असर राज्य से बाहर भी दिखने लगा है. नागालैंड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सभी विधायकों ने चाचा शरद पवार का साथ छोड़ते हुए भतीजे अजीत पवार का समर्थन कर दिया है. इसे NCP पर कब्जे की जंग में अजीत पवार का शरद पवार को एक और धोबीपाट माना जा रहा है, जिससे पार्टी का ऑफिशियल नेतृत्व उनके पास होने का दावा और ज्यादा मजबूत हो गया है. अजीत पवार महाराष्ट्र में पहले ही शरद पवार को झटका दे चुके हैं, जब उन्होंने इस महीने की शुरुआत में पार्टी को तोड़कर अपना अलग गुट बनाते हुए राज्य सरकार में शामिल होने का ऐलान कर दिया था. अजित पवार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बनाए गए थे. इसके बाद से ही पार्टी पर कब्जे को लेकर उनके और शरद पवार के बीच जंग चल रही है, जो फिलहाल चुनाव आयोग और विधानसभा स्पीकर के सामने लंबित है.
नागालैंड में हैं NCP के सात विधायक
नागालैंड में NCP के सात विधायक हैं. इन सभी ने अजित पवार वाले पार्टी गुट का समर्थन किया है. इन विधायकों की तरफ से जारी साझा पत्र में यह जानकारी दी गई है. विधायकों ने पत्र में कहा, व्यापक चर्चा के बाद नागालैंड राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की पूरी राज्य कार्यकारिणी और जिला पदाधिकारियों ने अजित पवार व प्रफुल्ल पटेल के नेतृत्व में काम करने का निर्णय लिया है.
शरद पवार को राष्ट्रीय राजनीति में झटका देगा ये कदम
विधायकों के इस पत्र को शरद पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि इससे उनका राष्ट्रीय राजनीति में दबदबा खत्म होने के भी आसार बन गए हैं. अजित पवार के अलग पार्टी गुट बनाने तक शरद पवार को राष्ट्रीय राजनीति में आकार ले रहे विपक्षी एकता गठबंधन का अगुआ माना जा रहा था, लेकिन अब हालात अलग हो गए हैं. इसका अंदाजा दो दिन पहले बंगलूरू में हुई विपक्षी दलों की साझा बैठक के बाद अगली बैठक के आयोजक का नाम घोषित होने से लग सकता है. बैठक में निर्णय लिया गया था कि अगली बैठक मुंबई में की जाएगी, जिसका आयोजन शिवसेना (उद्धव ठाकरे) करेगी. यह घोषणा एक तरह से महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार की कमतर स्थिति पर मुहर लगाना है, क्योंकि शिवसेना में टूटफूट के बाद ठाकरे गुट को NCP का पिछलग्गू संगठन माना जा रहा था. इसके उलट अब विपक्ष ने उसे NCP से ज्यादा तरजीह दी है.
2 जुलाई को अलग हो गए थे अजित पवार
अजित पवार 2 जुलाई को 8 विधायकों के साथ पार्टी से अलग होकर महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे. इस अचानक हुए घटनाक्रम ने पूरे देश की राजनीति को हिला दिया था. अलग होने वाले नेताओं में NCP के दिग्गज और शरद पवार के करीबी कहे जाने वाले भी शामिल थे, जिनमें छगन भुजबल, प्रफुल्ल पटेल, धनंजय मुंडे, दिलीप वलसे पाटिल जैसे नाम हैं. इसके बाद से ही महाराष्ट्र की राजनीति लगातार गर्माई हुई है.
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