डीएनए हिंदी: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऐलान किया है कि अब 2,000 रुपयों के नोट चलन से बाहर हो जाएंगे. लोगों के पास यह विकल्प है कि वे 30 सिंतबर तक इसे बैंक में जमा करा सकेंगे. कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने RBI के इस फैसले को लेकर सवाल उठाया है.
मल्लिाकर्जुन खड़गे ने कहा है कि यह नोटबंदी, पहली नोटबंदी की गलतियों को छिपाने के लिए की जा रही है. उन्होंने कहा कि एक निष्पक्ष जांच से ही पूरी सच्चाई सामने आएगी.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'आपने पहली नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को एक गहरा जख्म दिया था, जिससे पूरा असंगठित क्षेत्र तबाह हो गया, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम ठप हो गए और करोड़ों रोजगार गए. अब 2,000 रुपये के नोट वाली ‘दूसरी नोटबंदी.’ क्या यह गलत निर्णय के ऊपर पर्दा डालना है? एक निष्पक्ष जांच से ही कारनामों की सच्चाई सामने आएगी.'
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क्या बोल रहे हैं विपक्षी दल?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, 'स्वयंभू विश्वगुरु की चिरपरिचित शैली. पहले करो, फिर सोचो. आठ नवंबर, 2016 को तुगलकी फरमान के बाद बड़े धूमधाम से 2000 रुपये का नोट जारी किया गया था. अब इसे वापस लिया जा रहा है.'
पी चिदंबरम ने कहा, 'नोटबंदी के कुछ सप्ताह बाद सरकार और आरबीआई को 500 रुपये का नोट फिर से पेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा था और अगर केंद्र सरकार फिर से 1,000 रुपये का नोट भी पेश करती है तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा. 2000 रुपये का नोट शायद ही लेनदेन का एक लोकप्रिय माध्यम है. हमने नवंबर 2016 में यह कहा था और हम सही साबित हुए हैं. 2,000 रुपये का नोट लेनदेन में लोकप्रिय रहे 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलने से बाहर करने के मूर्खतापूर्ण निर्णय को ढंकने वाला बैंड एड था.'
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, 'कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है. 2000 रुपये के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है. लेकिन इसकी सजा इस देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है. शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है.'
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी 2000 के नोट का इस्तेमाल बंद करने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया, 'पहले बोले 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा. अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा. इसीलिए हम कहते हैं, प्रधानमंत्री पढ़ा लिखा होना चाहिए. एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है. उसे समझ आता नहीं है. भुगतना जनता को पड़ता है.'
भारतीय राष्ट्र समिति के नेता श्रवण दासोजू ने शुक्रवार रात कहा, 'भारत सरकार का 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने का फैसला पूरी तरह से बेतुका और अतार्किक है. वास्तव में नरेन्द्र मोदी ने साबित किया है कि वह एक अक्षम प्रधानमंत्री हैं और 2016 में की गयी नोटबंदी पूरी तरह से विफल थी.'
30 सितंबर तक जमा करने का है विकल्प
RBI ने 2,000 रुपये के नोट को सितंबर 2023 के बाद चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की. इस मूल्य के नोट को बैंकों में 23 मई से जाकर बदला जा सकता है.
क्या है RBI का आदेश?
RBI ने शुक्रवार शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे. RBI ने बैंकों को 30 सितंबर तक ये नोट जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है. हालांकि, एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये मूल्य के नोट ही बदले जा सकेंगे. (इनपुट: भाषा)