डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने गुरुवार को दावा किया कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल का मनरेगा कोष रोक रही है. ममता बनर्जी ने कहा है कि केंद्र सरकार बकाया राशि 2024 तक जारी नहीं करेगी लेकिन राशि के लिए ममता बनर्जी सरकार, केंद्र सरकार के सामने भीख नहीं मांगेगी.
ममता बनर्जी ने कहा, 'हमारे पास बहुत बकाया राशि है. दिल्ली ने अभी तक फंड जारी नहीं किया है. मैंने सुना है कि 2024 तक धन जारी नहीं किया जाएगा. इसके बावजूद मैं उनके सामने भीख नहीं मांगूंगा. मैं इसके साथ आगे बढ़ने की कोशिश करूंगा. मैं लोगों का आशीर्वाद लूंगा.'
केंद्र सरकार पर बकाया राशि के लिए दबाव बना रहीं ममता बनर्जी
ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और दूसरी केंद्रीय योजनाओं की राशि जारी करने के लिए दबाव बना रही हैं.
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केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर रही TMC
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से बकाया राशि जारी करने की मांग को लेकर यहां दो दिवसीय प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. TMC के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि लंबित राशि की निकासी के लिए बंगाल के लोगों से '1 करोड़ पत्र' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे जाएंगे.
'पश्चिम बंगाल में जबरन मजदूरी करा रही केंद्र सरकार'
TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि गरीबों को उनके बकाये से वंचित करना जबरन मजदूरी कराने के बराबर है और संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन है. बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने पिछले तीन वर्षों के दौरान योजना के खर्च का विवरण नहीं दिया है.
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तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य का मनरेगा कोष रोकने के लिए केंद्र की बार-बार आलोचना की है. अमित शाह के शुक्रवार से राज्य के निर्धारित दो दिवसीय दौरे का जिक्र करते हुए मोइत्रा ने कहा कि उन्हें जवाब देना होगा कि केंद्रीय योजना के तहत काम करने के बावजूद 100 दिनों की कार्ययोजना में लगे गरीबों को उनका बकाया क्यों नहीं मिला है.
100 दिनों का काम, नहीं मिली मजदूरी, TMC ने उठाए सवाल
महुआ मोइत्रा ने कहा, 'जब आप केंद्र में शासन कर रही BJP के नेता के रूप में यहां आने पर आपको जवाब देना होगा कि 100 दिनों की कार्ययोजना के तहत काम करने के बावजूद हमारे श्रमिकों को भुगतान क्यों नहीं किया गया है. मनरेगा को इस विचार के साथ शुरू किया गया था कि अति गरीब को कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी मिले. यह गारंटी भारत सरकार देती है.'
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मुआवजा क्यों मांग रही है ममता बनर्जी सरकार?
महुआ मोइत्रा ने कहा, 'कानून यह भी कहता है कि अगर किसी श्रमिक को 15 दिनों के भीतर उसका वेतन नहीं मिलता है, तो वह मुआवजे का हकदार है.'
महुआ मोइत्रा ने कहा है कि पश्चिम बंगाल को दिसंबर 2021 से मनरेगा भुगतान में 7,500 करोड़ रुपये से वंचित किया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें से 2,800 करोड़ रुपये मजदूरी के भुगतान के लिए है. (इनपुट: भाषा)
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