Manipur Violence: मणिपुर में 18 दिन बाद फिर हिंसा, राजधानी इंफाल में कुकी-मैतेई विवाद में कई घर जलाए गए, कर्फ्यू घोषित

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 22, 2023, 08:24 PM IST

Imphal Violence

Kuki Meitei Clash: मणिपुर में 3 मई को मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के खिलाफ कुकी आदिवासियों ने मोर्चा निकाला था, जिसके चलते राज्य के 8 जिलों में हिंसा हुई थी और कई लोगों की मौत हो गई थी.

डीएनए हिंदी: Manipur Unrest- उत्तर पूर्व के अहम राज्य मणिपुर में 18 दिन बाद एक बार फिर कुकी-मैतेई समुदायों के बीच हिंसा (Manipur Violence) भड़क गई है. राजधानी इंफाल के न्यू चेकॉन इलाकों में एक स्थानीय बाजार में दोनों समुदायों के बीच पहले बहस शुरू हुई, जो उसके बाद मारपीट और फिर हिंसक संघर्ष में बदल गई. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को मारपीट के बाद भड़की हिंसा में उपद्रवियों ने एक समुदाय के कई घर जला दिए हैं. राजधानी में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया है और सेना व पैरामिलिट्री फोर्स तैनात कर दी गई हैं. 

खास समुदाय के दुकानदारों की बंद करा रहे थे दुकान

जानकारी के मुताबिक, इंफाल पूर्व में मौजूद न्यू चेकॉन में हिंसा उस समय फैली, जब कुछ लोगों ने एक खास समुदाय के दुकानदारों की दुकानों को बंद कराना शुरू करा दिया. दुकान बंद करा रहे लोग हथियार लिए हुए थे. बताया जा रहा है कि इन लोगों के एक पूर्व विधायक और उनके गनर भी समर्थन दे रहे थे. इस दौरान हंगामा शुरू हो गया, जिसे देखकर वहां असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस के जवान व अन्य भीड़ जमा हो गई. इसी बीच कुछ बदमाशों ने एक खास समुदाय के घरों में आग लगानी शुरू कर दी, जिसके बाद बवाल मच गया. विधायक की गिरफ्तारी की भी खबर है, लेकिन पुष्टि नहीं हो सकी है.

3 मई को भड़की थी हिंसा, मारे जा चुके हैं 73 लोग

कुकी और मैतेई समुदाय के लोगों के बीच मणिपुर में 3 मई को जबरदस्त हिंसा भड़क गई थी. यह हिंसा मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में आरक्षण के लिए शामिल किए जाने के विरोध के चलते भड़की थी. कुकी समुदाय की तरफ से इसके विरोध में चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में पैदल मार्च निकाला जा रहा था, जिस पर हमले के बाद हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा के चलते 10,000 से ज्यादा लोगों को अपने घरों से विस्थापित होकर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है, जबकि अब तक 73 लोगों की मौत हो चुकी है.

राज्य में लागू हैं शूट एंड साइट ऑर्डर

राज्य में दंगों पर काबू पाने के लिए सरकार ने शूट एंड साइट ऑर्डर जारी किए थे. इसके अलावा पूरे राज्य में मणिपुर पुलिस के साथ ही भारतीय सेना, सीआरपीएफ और असम राइफल्स को भी तैनात किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा के बाद दोनों समुदाय के लोगों से मिलकर बात की थी. उन्होंने हिंसा फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे. इसके बाद हिंसा में कमी आई थी, लेकिन अब अचानक फिर से हिंसा भड़क गई है.

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