'मणिपुर हिंसा में लिप्त शासन, केंद्र सरकार न डाले पर्दा,' BJP पर बरसी कांग्रेस

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 23, 2023, 06:59 PM IST

Manipur Tension Continues

Manipur Violence: कांग्रेस ने कहा है कि एन बीरेन सिंह जब तक मणपिपुर के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, तब तक राज्य शांति की दिशा में आगे नहीं बढ़ेगा.

डीएनए हिंदी: मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच भड़की हिंसा रोकने की हर कोशिशें नाकाम हो रही हैं. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, विपक्ष के निशाने पर हैं. कांग्रेस ने रविवार को दावा किया है कि जब तक एन बीरेन सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, तब तक राज्य में चीजें शांति की दिशा में आगे नहीं बढ़ेंगी. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे पूर्वोत्तर राज्य में तथाकथित डबल-इंजन शासन की विफलता पर पर्दा डालने की बजाय अब कार्रवाई करें.

कांग्रेस मणिपुर हिंसा को लेकर लगातार केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोल रही है. 15 मई को मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले में अपहरण, मारपीट और सामूहिक बलात्कार एक घटना सामने आई थी. पीड़िता ने 21 जुलाई को पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद जीरो FIR दर्ज की गई.

मणिपुर में ध्वस्त हुई कानून व्यवस्था 
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, 'हर गुजरते दिन के साथ जैसे-जैसे मणिपुर की भयावहता की सच्चाई सामने आ रही है, यह स्पष्ट है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. भीड़ और विद्रोही समूह बेलगाम हो रहे हैं. महिलाओं और परिवारों को सबसे खराब, अकल्पनीय अत्याचारों का सामना करना पड़ा है.'

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मणिपुर हिंसा में लिप्त शासन
जयराम रमेश ने कहा कि शासन की न केवल हिंसा में सहभागी है, बल्कि सक्रिय रूप से नफरत को बढ़ावा दे रहा है. रमेश ने कहा कि राज्य का सामाजिक ताना-बाना नष्ट हो गया है और समुदायों के बीच विश्वास पूरी तरह समाप्त हो गया है.' दरअसल यह आरोप इसलिए लग रहे हैं क्योंकि मैतेई समुदाय के लोग सरकारी नौकरियों में ज्यादा हैं. सरकार के कई मंत्री भी मैतेई हैं. राज्य के बड़े अधिकारी भी मैतेई ही हैं.

'जब तक एन बीरेन रहेंगे CM तब तक राज्य में नहीं लौटेगी शांति'
जयराम रमेश ने कहा, 'जब तक बीरेन सिंह मुख्यमंत्री रहेंगे, तब तक कोई न्याय नहीं होगा और न ही चीजें शांति की दिशा में आगे बढ़ेंगी. प्रधानमंत्री के लिए कदम उठाने का समय बहुत पहले चला गया है. उन्हें अब कार्रवाई करनी चाहिए और मणिपुर में तथाकथित डबल-इंजन शासन के पूरी तरह से विफल होने को छिपाने के लिए ध्यान भटकाने, चीजों को तोड़-मरोड़कर पेश करने और आक्षेप लगाने में लिप्त होने की बजाय अब कार्रवाई करनी चाहिए.'

मणिपुर हिंसा में 160 की मौत
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 

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देशभर में वायरल हो रहा है हिंसा का वीडियो
मणिपुर में एक समुदाय की दो महिलाओं को परस्पर विरोधी समुदाय के लोगों के एक समूह ने नंगा करके घुमाया था. हिंसा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. देशभर में आक्रोश का माहौल है. यह घटना चार मई की है, जिसका वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ था.

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क्या है मणिपुर की स्थिति?
मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि नगा और कुकी सहित आदिवासी 40 प्रतिशत हैं और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं. (इनपुट: भाषा)

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