Manipur Violence: मणिपुर हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह करेंगे सर्वदलीय बैठक, क्या आज निकलेगा बवाल का हल?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 24, 2023, 09:41 AM IST

Amit Shah All Party Meetings 

Manipur Violence: मणिपुर में पिछले 3 मई से हिंसा का दौर जारी है जिसके चलते राज्य में 25 जून तक इंटरनेट को पूरी तरह बंद कर दिया गया है.

डीएनए हिंदी: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए आज दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे. ये बैठक आज दोपहर 3 बजे रखी गई है. मणिपुर में 3 ई से जारी हिंसा के चलते राज्य में तनावपूर्ण स्थिति है. आए दिन हो रही है आगजनी की घटनाएं और सुरक्षाबलों पर भी हो रहे हमले आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से चुनौती बन गए हैं. राज्य सरकार ने अशांति को रोकने के प्रयास में इंटरनेट पर प्रतिबंध को 25 जून तक बढ़ा दिया है.

बता दें किमेइती को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल्स स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी जो कि अभी तक जारी है. यह मामला इतना ज्यादा बढ़ गया है कि गृहमंत्री अमित शाह को इस मुद्दे को हल करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलानी पड़ी है. 

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सोनिया गांधी ने की थी अपील

गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्य में शांति और सद्भाव की अपील करते हुए कहा कि मणिपुर में लोगों के जीवन को तबाह करने वाली अभूतपूर्व हिंसा ने हमारे देश की अंतरात्मा पर गहरा घाव छोड़ा है. उन्होंने उम्मीद जताई थी कि जल्द से जल्द राज्य में जातीय हिंसा पर नियंत्रण पाया जा सकेगा. 

पीएम मोदी पर भड़की कांग्रेस

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने भी गुरुवार को मणिपुर की स्थिति पर चुप्पी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा, "पिछले 53 दिनों से मणिपुर जल रहा है. पीएम मोदी ने अभी तक एक भी शब्द नहीं बोला है. मणिपुर से एक प्रतिनिधिमंडल वेणुगोपाल ने दावा किया कि पिछले 10 दिनों से यहां हैं लेकिन पीएम उनसे मिलने के लिए तैयार नहीं थे.

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बता दें कि दोनों ओर से चल रही इस हिंसा में अब तक करीब 115 लोग मारे गए हैं और 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. हालात सुधारने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले महीने मणिपुर का दौरा कर सभी प्रभावित समुदायों के लोगों से मुलाकात कर शांति स्थापित करने की अपील की थी. हिंसा रोकने के लिए राज्य में आर्मी, असम राइफल्स समेत केंद्रीय पुलिस बलों की कई कंपनियां भी तैनात की गई हैं. इसके बावजूद हिंसा अभी तक नहीं रुकी है और सुरक्षा बलों तक पर हमले किए जा रहे हैं.

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