डीएनए हिंदी: मणिपुर हिंसा पर सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को मुलाकात की है. दोनों नेताओं के बीच मणिपुर के हालात पर अहम बातचीत हुई है. विपक्षी दल लगातार एन बीरेन को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार का रुख उन पर नरम है.
एन बीरेन सिंह आज सुबह इंफाल से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे और अमित शाह से उनके आवास पर करीब 45 मिनट तक मुलाकात की. उन्होंने उन्हें मणिपुर की स्थिति और राज्य में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में गृहमंत्री को जानकारी दी है. सूत्रों के मुताबिक वह मणिपुर के लिए फिर से रवाना हो गए हैं.
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क्या हुई दोनों नेताओं के बीच बातचीत?
एन बीरेन सिंह और गृहमंत्री अमित शाह के बीच मणिपुर की जमीनी स्थिति पर बातचीत हुई है. मुलाकात के बाद एन बीरेन सिंह ने ट्वीट किया, 'गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई है. मैंने उन्हें मणिपुर की ग्राउंड रिपोर्ट दी है. राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से मणिपुर में बीते सप्ताह से हिंसा थमी है. गृहमंत्री अमित शाह की घटनाक्रम पर कड़ी नजर है. 13 जून के बाद से हुई हिंसा में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.'
एन बीरेन सिंह ने कहा, 'गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति लाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी. अमित शाह ने हमें स्थायी शांति प्राप्त करने की दिशा में अपने काम को मजबूत करने की सलाह दी है. सभी पक्षों से शांति के लिए सहयोग मांगा है.'
मणिपुर के लिए उठी राष्ट्रपति शासन की मांग
अमित शाह ने शनिवार को 18 पार्टियों के साथ सर्वदलीय बैठक की. यह बैठक मणिपुर हिंसा पर बुलाई गई थी. कई विपक्षी दलों ने सुझाव दिया कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा करना चाहिए. 4 घंटे तक चली बैठक के दौरान कुछ दलों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को तत्काल बर्खास्त करने और बीजेपी शासित राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की.
विरोधी दल मांग रहे हैं बीरेन सिंह का इस्तीफा
इससे पहले, 9 बीजेपी विधायकों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य के लोगों को एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार पर भरोसा नहीं है. विधायकों ने पीएम मोदी को पांच सूत्री ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि सरकार और प्रशासन पर अब किसी को भरोसा नहीं है.
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मणिपुर में अब कैसे हैं हालात?
सर्वदलीय बैठक में अमित शाह ने कहा कि मणिपुर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है. उन्होंने कहा कि 13 जून के बाद से पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा की वजह से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है. उन्होंने बैठक में कहा कि मोदी सरकार मणिपुर की समस्या का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्र ने अपील की है कि सभी राजनीतिक दल मणिपुर हिंसा पर साथ आएं.
बैठक में किन दलों ने लिया है हिस्सा?
बैठक में बीजेपी, कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, मिजो नेशनल फ्रंट, बीजेडी, एआईएडीएमके, डीएमके, राजद, समाजवादी पार्टी, आप समेत कई पार्टियां शामिल हुईं.
3 मई से ही सुलग रही है घाटी
राज्य में मैतेई समुदाय अनुसूचित जनजाति का दर्जा मांग रही है. इस मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित की गई. इसी दौरान हंगामा भड़का और मैतेई, नागा और कुकी समुदाय में झड़पें तेज हो गई हैं.
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