डीएनए हिंदी: Manipur News- मणिपुर में कुकी-मैतेई समुदाय के बीच 21 दिन से चल रहे हिंसक संघर्ष में बुधवार को और ज्यादा तेजी आ गई. राज्य के बिष्णुपुर जिले में उत्तेजित भीड़ ने बुधवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री कोंथोउजाम गोविंदास (Manipur PWD Minister Konthoujam Govindas) के घर में घुसकर बुरी तरह तोड़फोड़ कर दी है. दोनों समुदायों के हिंसक संघर्ष में यह पहला मौका है, जब किसी मंत्री के घर को निशाना बनाया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, तोड़फोड़ करने वाले लोग इस कारण खफा थे कि राज्य सरकार दूसरे समुदाय के आतंकियों से स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है. इसके अलावा राज्य में इंफाल वेस्ट जिले के कादांगबैंड इलाके में भी हिंसा की तीन नई घटनाएं दर्ज की गई हैं. राज्य में चल रही हिंसा में अब तक 73 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 15,000 से ज्यादा लोग बेघर हुए हैं. उधर, भारतीय सेना के ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कालिता (Eastern Army commander Lt Gen RP Kalita) ने खुद इंफाल का दौरा किया है. जनरल कालिता ने तीन दिन के दौरे में हिंसा को कंट्रोल नहीं कर पाने के कारणों की समीक्षा की है.
भाजपा नेता है भीड़ के गुस्से का शिकार मंत्री
भीड़ के गुस्से का शिकार होने वाले मंत्री के. गोविंदास भाजपा नेता हैं, जो राज्य सरकार में गठबंधन सहयोगी है. हालांकि मंत्री और उनके परिवार के सदस्य घर पर मौजूद नहीं थे. अधिकारियों के मुताबिक, निंगथोऊखोंग (Ningthoukhong) इलाके में स्थित मंत्री के घर पर हमला बोलने वाली भीड़ में ज्यादातर महिलाएं थीं. उन्होंने गेट, खिड़कियां, कुछ फर्नीचर और बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्समें तोड़फोड़ की है.
मंगलवार रात को बिष्णुपुर में जला दिए गए थे कुछ घर
अधिकारियों के मुताबिक, ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि उग्रवादियों ने मंगलवार रात को बिष्णुपुर जिले के तोरोंगलाओबी में कुछ ग्रामीणों के घरों में आग लगा दी थी. इस घटना के समय सरकार ने कर्फ्यू में कुछ घंटों के लिए ढील दी थी. ऐसी भी अफवाह है कि चुराचंदपुर जिले में भी कुछ लोगों की हत्या की गई है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. अधिकारियों के मुताबिक, मंत्री के घर पर हमला बोलने वाली भीड़ में महिलाएं ऐसी घटनाओं को लेकर ही उत्तेजित थी. वे मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (CM Manipur N Biren Singh), गोविंदास और अन्य भाजपा विधायकों के हिंसा को लेकर चुप रहने के कारण गुस्से में थीं.
तीन दिन तक मणिपुर में ही रहे हैं ईस्टर्न आर्मी कमांडर
ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कालिता तीन दिन के लिए अशांत मणिपुर में ही रहे हैं. एक अधिकारी के मुताबिक, उन्होंने बुधवार को वापसी से पहले स्थानीय स्टेकहोल्डर्स के साथ कई बैठकें कीं, जिनमें सभी समुदायों के लोग और विभिन्न सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइजेशन्स के पदाधिकारी शामिल थे. बता दें कि मणिपुर की अंतरराष्ट्रीय सीमा म्यांमार से मिली होने के कारण उत्तरपूर्व का यह राज्य बेहद अहम है. लेफ्टिनेंट जनरल कालिता ने 22 से 24 मई तक कांगपोकपी, मैत्रीपुखरी, चुराचंदपुर, बिष्णपुर, येंगान्गपोकपी और मोरेह का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने स्थानीय आर्मी कमांडरों के साथ सिक्योरिटी सिचुएशन पर मीटिंग्स भी की हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ ही अन्य सीनियर गवर्नमेंट ऑफिशियल्स के साथ भी मुलाकात की.
सेना ने बरामद किए बम, हथगोले और शॉटगन्स
सेना ने सेनापति जिले में एक कार से पांच शॉटगन, पांच देशी हथगोले और तीन कार्टन शॉटगन कारतूस बरामद किए हैं. सेना ने बुधवार को बताया कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें हथियारों के साथ पुलिस के हवाले कर दिया गया है.
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