डीएनए हिंदी: Manipur Violence Updates- मणिपुर में जातीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. मई माह में शुरू हुई हिंसा अब भी जारी है. मणिपुर के इंफाल वेस्ट जिले में हुई हिंसा की ताजा घटना में पुलिस थाने के करीब दो घरों में आग लगा दी गई. पुलिस ने गुरुवार को बताया कि बुधवार रात करीब 10 बजे पातसोई पुलिस स्टेशन एरिया के न्यू कीथेलमांबी में इस घटना को अंजाम दिया गया. इस दौरान जमकर फायरिंग भी की गई. आग लगाने के बाद आरोपी मौके से भाग गए, लेकिन इस घटना से पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है. सुरक्षा बलों के जवानों ने फायर सर्विस टीम के साथ मिलकर आग को कंट्रोल कर लिया है, लेकिन लोग बेहद उत्तेजित लग रहे हैं.
मैतेई महिलाओं से हुई सुरक्षा बलों की झड़प
मैतेई महिलाओं के एक ग्रुप की इस मुद्दे पर सुरक्षाबलों के साथ झड़प भी हुई है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, महिलाओं का यह ग्रुप इस आगजनी का बदला लेने के लिए निकल रहा था. इलाके में हिंसा को बढ़ने से रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं.
अब तक हिंसा में जा चुकी है 180 से ज्यादा की जान
मणिपुर में 3 मई को मैतेई और कुकी आदिवासियों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी. यह जातीय हिंसा मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की कवायद के विरोध में कुकी युवाओं द्वारा आदिवासी एकता मार्च निकालने के दौरान भड़की थी, जब पहाड़ी जिलों में मार्च निकाल रहे युवाओं पर हमला कर दिया गया था. तब से अब तक हिंसा हल्की हुई है, लेकिन थमी नहीं है. हिंसा के कारण अब तक 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.
लगातार की जा रही है घरों-ऑफिसों में आगजनी
जातीय हिंसा के दौरान राज्य में बड़े पैमाने पर कुकी और मैतेई समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे के घरों को निशाना बनाया है. घरों, ऑफिसों और दुकानों में आगजनी हो रही है. यहां तक कि राज्य के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल भाजपा के भी कई कार्यालयों के अलावा उनके नेताओं के घरों में भी आग लगाई जा चुकी है. मंत्रियों-सांसदों के आवास भी जातीय हिंसा के गुस्से का शिकार बन चुके हैं.
53 फीसदी है राज्य में मैतेई समुदाय की आबादी
मणिपुर में मैतेई समुदाय की आबादी करीब 53 फीसदी है. यह आबादी राज्य के मैदानी इलाकों में रहती है, क्योंकि पहाड़ी जिलों में केवल आदिवासी या अनुसूचित जनजातीय समुदाय को ही बसने की इजाजत है. पहाड़ी जिलों में मौजूद जनसंख्या में 40 फीसदी कुकी और नागा आदिवासी हैं, जो मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का विरोध कर रहे हैं. इसी आपसी विरोध के कारण हिंसा भड़की हुई है.
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