डीएनए हिंदी: Manipur Latest News- मणिपुर में हिंसा के हालात सुधरने के आसार नहीं दिख रहे हैं. उग्रवादियों ने मंगलवार रात को मणिपुर पुलिस की कमांडो टीम पर घात लगाकर हमला किया है, जिसमें कई कमांडो घायल हो गए हैं. यह कमांडो टीम उस स्थान पर रिइंफोर्समेंट के तौर पर भेजी जा रही थी, जहां मंगलवार सुबह मणिपुर पुलिस के सीनियर अफसर की उग्रवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. कमांडो टीम जब तेंगनाउपाल जिले से महज 10 किलोमीटर दूर थी, तब घात लगाकर बैठे उग्रवादियों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दी. असम राइफल्स की एक टुकड़ी को हमले वाली जगह भेजा गया, जिसने उग्रवादियों को खदेड़ते हुए पुलिस कमांडोज को रेस्क्यू किया और अस्पताल में भर्ती कराया है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अस्पताल में कई कमांडो की हालत गंभीर बनी हुई है.
कुकी सिविल सोसाइटी ग्रुप्स ने लगाया उल्टा आरोप
उधर, NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, कुकी सिविल सोसाइटी ग्रुप्स ने इस हमले को लेकर एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कमांडो टीम पर कोई हमला नहीं हुआ है. उनका आरोप है कि कमांडो टीम ने ग्रामीणों पर अंधाधुंध बल प्रयोग किया, जिसके चलते कुकी ग्रामीण स्वयंसेवकों ने उन पर जवाबी हमला किया है. इसी हमले में कमांडो घायल हुए हैं. कुकी ग्रुप्स ने मणिपुर सरकार पर भी आरोप लगाया है कि वह नागरिकों को परेशान करने के लिए मोरे में स्टेट फोर्स को भेज रही है. कुकी ग्रुप्स ने केंद्र सरकार से सीमावर्ती शहर से मणिपुर पुलिस को हटाने की मांग की है. हालांकि मोरे में तैनात एक सीनियर पुलिस अफसर ने कुकी ग्रुप्स के दावे को उग्रवादी हमले का बचाव करने का तरीका बताया है. उन्होंने कहा कि यह पुष्टि करने का कोई तरीका नहीं है कि ये कथित ग्रामीण स्वयंसेवक उग्रवादी हमलों को लीड नहीं कर रहे हैं. उन्होंने अपना नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ग्राउंड सिचुएशन की निगरानी और वेरीफिकेशन होना चाहिए. कोई भी ग्रुप कुछ भी दावा कर सकता है. इसका मतलब ये नहीं है कि वह सच बोल रहा है.
मोरे शहर में ही सुबह की गई थी सीनियर पुलिस अफसर की हत्या
मोरे भारत-म्यांमार सीमा से सटा कारोबारी कस्बा है, जो तेंगनाउपाल जिले में आता है. इसी कस्बे में मंगलवार सुबह संदिग्ध उग्रवादी स्नाइपर ने सीनियर पुलिस अफसर चिंगथाम आनंद की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वे यहां बनाए जा रहे एक हेलीपैड का निरीक्षण कर रहे थे. मणिपुर पुलिस ने चिंगथाम आनंद की हत्या करने वाले स्नाइपर को खोजकर मारने का ऑपरेशन शुरू करने के बाद कमांडो टीम को मोरे भेजा था.
इंफाल से महज 115 किलोमीटर दूर है मोरे, लेकिन पहुंचना बेहद मुश्किल
मणिपुर की राजधानी इंफाल से कागजों पर मोरे की दूरी महज 115 किलोमीटर है, लेकिन दुर्गम पहाड़ों, घने जंगलों और हेयरपिन जैसे बैंड्स के कारण सड़क मार्ग से मोरे पहुंचना बेहद मुश्किल है. यह रास्ता उग्रवादियों के लिए घात लगाकर हमले करने में जबरदस्त एडवांटेज वाला है. इसी कारण मोरे में मणिपुर पुलिस और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) मिलकर हेलीपैड बना रहे हैं ताकि यहां तेजी से सुरक्षा बलों का आवागमन हो सके. इस हेलीपैड के निर्माण का कुकी समूह विरोध कर रहे हैं.
हमलों से मणिपुर में शांति के दावों पर फिर उठे सवाल
मंगलवार सुबह हेलीपैड प्रोजेक्ट पर हमले और इसके बाद कमांडो टीम पर घात लगाकर किए एंबुश ने मणिपुर में शांति के दावों पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. मई महीने से जातीय हिंसा में सुलग रहे मणिपुर में बड़ी मुश्किल से सुरक्षा बल थोड़ी शांति बनाने में सफल हुए थे, लेकिन अब ये दावा खोखला लग रहा है.
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