Manipur Violence: मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच फिर से छिड़ गई हिंसा से हर तरफ खौफ का माहौल है. भीड़ अब मंत्रियों-विधायकों को निशाना बना रही है. 16 नवंबर को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह समेत 17 विधायकों के घरों पर भीड़ ने हमला किया था. इसके बाद सरकार में शामिल लोगों में भी खौफ फैल गई है. हालत ऐसे हो गए हैं कि मंत्रियों को भी अपनी सुरक्षा के लिए सरकारी फोर्सेज पर यकीन नहीं रहा है. राज्य सरकार में मंत्री व मैतेई समुदाय के नेता एल. सुसींद्रो के घर को भी 16 नवंबर को निशाना बनाया गया था. अब सुसींद्रो ने मणिपुर ईस्ट के खुरई में अपने पुश्तैनी घर को चारों तरफ से कंटीले तारों और लोहे के जाल से घिरवा दिया है. सुसींद्रो ने साफ कहा है कि यदि उनके घर पर दोबारा भीड़ ने हमला किया तो वे इसका जवाब खुद देंगे, क्योंकि संपत्ति की रक्षा करना उनका संवैधानिक हक है. उधर, जिरीबाम हिंसा में मरने वाले मणिपुरी लोगों के शव पोस्टमार्टम के बाद असम के सिलचर में उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं. इनमें वे छह लोग भी शामिल हैं, जिनका जिरीबाम में कुकी उग्रवादियों ने अपहरण किया था. इनके परिवारों ने शव लेने से इंकार कर दिया था, लेकिन बाद में समझाने पर वे शव लेने को राजी हो गए. मणिपुर में पिछले साल 3 मई को शुरू हुई हिंसा में अब तक 258 लोगों की मौत होने की पुष्टि राज्य पुलिस ने की है.
मंत्री ने सुरक्षा बलों के लिए भी बनवाया है बंकर
राज्य सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री एल. सुसींद्रो ने अपने सुरक्षा बलों के लिए भी बंकर बनवाया है. उन्होंने अपने घर पर इस तरह की व्यवस्था किए जाने को लेकर PTI से बातचीत में उन्होंने कहा,'16 नवंबर को हमला करने वाली भीड़ इलेक्ट्रिक ड्रिल और हथौड़े लेकर आई थी. लूटपाट के साथ ही आग लगाना और मेरी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना ही उनकी मकसद था. मैं उस दिन घर में नहीं था. दोपहर में आई महिला-पुरुषों की भीड़ मेरे परिवार के समझाने से मान गई थी. लेकिन शाम को करीब 6.30 बजे आए 3,000 लोगों ने मेरे घर में घुसने की कोशिश की. उन्होंने घर पर गोलियां चलाईं. मैंने बीएसएफ के जवानों से कहा कि भीड़ को नुकसान ना पहुंचाएं. बस तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग करें. लेकिन अगर इस बार उपद्रवी हम पर हमला करते हैं तो जीवन और संपत्ति की रक्षा करना हमारा संवैधानिक व कानूनी अधिकार है. हमें उनका जवाब देना होगा.'
वैपन बैंक बनवाकर चर्चा में आए थे सुसींद्रो
सुसींद्रो वही मंत्री हैं, जिन्होंने बीते दिनों मणिपुर में हथियारों की लूटपाट के दौरान अपने घर में वैपन ड्रॉप बॉक्स बनाया था. उन्होंने इसमें लोगों को अपने हथियार जमा कराने की अपील की थी. बता दें कि मणिपुर में 16 नवंबर को बेकाबू भीड़ ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और 17 विधायकों के घर पर लूटपाट व आगजनी की थी. रिपोर्ट के मुताबिक, जेडीयू विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने पुलिस को अपने घर से 1.5 करोड़ रुपये के जेवर लूटने की शिकायत दी है. रिलीप कैंप में भी उपद्रवी विस्थापितों के दस्तावेज नष्ट करने और सामान में तोड़फोड़ करने के बाद अपने साथ ले गए हैं.
9 लोगों के शव उनके परिजनों को दिए
PTI के मुताबिक, असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के बाद जिरीबाम हिंसा में मारे गए मणिपुर के नौ लोगों के शव उनके परिजनों को सौंपे गए हैं. सिलचर और जिरीबाम की सीमाएं आपस में मिलती हैं. इनमें उन 6 महिलाओं व बच्चों के शव भी शामिल थे, जिनका 11 नवंबर को कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम के बोरोबेकरा इलाके के राहत शिविर से अपहरण कर लिया था. इन्हें छुड़ाने के लिए ही सुरक्षा बलों ने कुकी उग्रवादियों पर हमला किया था, जिसमें 10 कुकी उग्रवादी मारे गए थे. हालांकि उग्रवादियों ने इन 6 अपहृतों की भी हत्या कर दी थी. इनके शव शुरुआत में उनके परिजनों ने लेने से इंकार कर दिया, लेकिन बाद में यह पता लगने पर कि हिंसा की घटनाओं की जांच NIA कर रही है, वे शव लेने को तैयार हो गए. इनके शव असम और मणिपुर पुलिस की सुरक्षा में 55 किलोमीटर दूर जिरीबाम ले जाए जा रहे हैं ताकि उनका अंतिम संस्कार किया जा सके. रास्ते में कई जगह इस काफिले को रोककर मैतेई समूहों के विभिन्न प्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि दी है. अधिकारी ने बताया कि अन्य दो व्यक्तियों के शव लेसराम बारेन मैत्री (60) और माईबाम केशो (71) हैं, जिनकी 11 नवंबर को अज्ञात व्यक्तियों ने हत्या कर दी थी, जबकि एक अन्य शव खुंद्रकपम अथौबा (21) का है जो कथित तौर पर पुलिस गोलीबारी में मारे गए थे और 17 नवंबर को उनका शव बरामद किया गया था.
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