Manipur Violence: 'मानवीय संकट है मणिपुर हिंसा', पीड़ितों को लेकर चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने जानें क्या कहा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 08, 2023, 06:27 PM IST

Manipur Violence (File Photo)

Supreme Court News: मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसा को 6 दिन बीत चुके हैं, लेकिन वहां अब तक माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. दोनों समुदायों के बीच शांति बनाए रखने के लिए सेना का फ्लैग मार्च कराना पड़ रहा है.

डीएनए हिंदी: Imphal News- मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसा के 6 दिन बाद भी माहौल तनावपूर्ण बने रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस हिंसा के कारण अपना घरबार छोड़कर दूसरे राज्यों में विस्थापित हुए लोगों को लेकर चिंता जताई. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि इसे मानवीय संकट माना जाए और विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं. कोर्ट ने केंद्र सरकार से विस्थापितों को रेस्क्यू करने का ब्योरा भी तलब किया है. शीर्ष अदालत ने हिंसा की SIT जांच वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से उठाए कदमों पर संतुष्टि जताई. इस मामले में अगली सुनवाई 17 मई को होगी.

'राज्य में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए लगाओ सेना'

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने मणिपुर ट्राइबल फोरम और हिल एरिया कमेटी आदि की याचिकाओं पर सुनवाई की. बेंच ने केंद्र सरकार से कहा कि विस्थापितों के लिए उचित इंतजाम किए जाएं. राहत शिविरों में दवा और खाने-पीने की उचित सुविधा हो. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में सभी धार्मिक स्थलों पर फोर्स तैनात कर सुरक्षा मजबूत करने का भी निर्देश दिया है. बेंच ने कहा, हमारा तत्काल टारगेट लोगों की सुरक्षा करना, उन्हें रेस्क्यू करना और उनका पुनर्स्थापन कहना है. बेंच ने केंद्र और मणिपुर सरकार से राहत शिविरों का ब्योरा भी दाखिल करने को कहा है. 

'घर वापस लाए जाएं विस्थापित'

बेंच ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए पूछा, विस्थापित लोगों के लिए क्या हो रहा है? उन्हें उनके घर वापस लाया जाना चाहिए. चीफ जस्टिस ने सरकार की तरफ से उठाए कदमों पर संतुष्टि जताई. उन्होंने कहा, सरकार एक्शन ले रही है. हमें उसके काम पर कोई शक नहीं है, क्योंकि यह सॉलिसिटर जनरल ने बताया है. आप (याचिकाकर्ताओं ने) अपनी चिंताओं को उचित तरीके से बता सकते हैं ताकि यह कार्यवाही अस्थिरता का दूसरा आधार न बन जाए.

केंद्र और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की रिपोर्ट

इससे पहले केंद्र और राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल की. रिपोर्ट में बताया कि पिछले सप्ताह भड़की हिंसा के बाद लगाए गए कर्फ्यू में रविवार को छूट दी गई थी. यह छूट रविवार और उसके बाद सोमवार को भी कोई हिंसक घटना नहीं होने के चलते दी गई थी. यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह दोनों सरकारों से तलब की थी.

6 दिन पहले भड़की थी हिंसा

मणिपुर के 10 जिलों में पिछले सप्ताह बुधवार के दिन मैतेई और नगा-कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई थी. यह हिंसा मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए निकले मार्च के दौरान भड़की थी. इस हिंसा में अब तक 23 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं, जबकि 54 लोगों की जान जा चुकी है. 

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