डीएनए हिंदी: मणिपुर में दो महिलाओं को नंगा कर घुमाने के वायरल वीडियो ने देश को हिलाकर रख दिया है. सड़क से लेकर संसद तक इस मुद्दे की गूंज सुनाई दे रही है. राज्यव्यापी प्रदर्शन के बाद अब चारों आरोपियों को स्थानीय कोर्ट ने 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
पुलिस ने बताया कि थोउबल जिले की एक अदालत ने चारों आरोपियों को 31 जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है. दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और छेड़छाड़ का यह वीडियो बुधवार को सामने आया था जिसकी देशभर में निंदा की गई. इस मामले में चार आरोपियों को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस ने बताया कि आक्रोशित भीड़ ने शुक्रवार दोपहर एक अन्य संदिग्ध के थोउबल जिले में वांगजिंग स्थित घर को जला दिया जिसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि संदिग्ध को अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. यह पता चलने पर कि पुलिस उसकी तलाश कर रही है, वह फरार हो गया.
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इस मामले के मुख्य आरोपी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटों बाद बृहस्पतिवार को उसका मकान आग के हवाले कर दिया गया था. पुलिस ने बताया कि वीडियो में वह बी फाइनोम गांव में भीड़ को निर्देश देते हुए स्पष्ट रूप से दिखाई देता है.
संसद में भी मणिपुर की गूंज
संसद के मानसून सत्र में लगातार दूसरे दिन भी मणिपुर हिंसा की प्रतिध्वनि सुनाई दी और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान और चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा में कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हालांकि कहा कि सरकार इस मामले पर चर्चा के लिए तैयार है.
मणिपुर में हुआ क्या था?
मणिपुर में लगभग 1,000 लोगों की हथियारबंद भीड़ ने कांगपोकपी जिले के एक गांव पर हमला किया और मकानों में लूटपाट की, उनमें आग लगायी, हत्या की और दो महिलाओं को नंगा कर घुमाया. इन महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरा देश आक्रोशित है और घटना के विरोध में जगह जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं.
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21 जून को दर्ज हुई थी FIR
इस केस में 21 जून को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आदिवासी महिलाओं के अपहरण और उनसे शर्मनाक बर्ताव से पहले हुए जुल्म के बारे में भी FIR में जिक्र है. विपक्षी दलों ने मणिपुर मुद्दे पर केंद्र पर अपना हमला तेज कर दिया है. कांग्रेस ने मांग की कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राज्य सरकार को बर्खास्त करने के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग करें.
करगिल योद्धा के पत्नी के साथ हुई दरिंदगी
मणिपुर में भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाई गई दो महिलाओं में से एक के पति एवं करगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके पूर्व सैन्यकर्मी ने घटना पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि उन्होंने देश की रक्षा की, लेकिन वह अपनी पत्नी को अपमानित होने से नहीं बचा सके.
मीडिया से क्या बोला करगिल का हीरो?
पीड़िता के पति ने एक इंटरव्यू में कहा, 'मैंने करगिल युद्ध में देश के लिए लड़ाई लड़ी और भारतीय शांति सेना के हिस्से के रूप में श्रीलंका में भी तैनात रहा था. मैंने देश की रक्षा की, लेकिन मैं निराश हूं कि अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, मैं अपने घर, अपनी पत्नी और साथी ग्रामीणों की रक्षा नहीं कर सका. मैं दुखी और उदास हूं.'
एन बीरेन सिंह ने कहा कि मणिपुर हुआ शर्मिंदा
राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के लोग महिलाओं का सम्मान करते हैं और उन्हें माता के समान मानते हैं, लेकिन जिन उपद्रवियों ने मई में आदिवासी महिलाओं पर हमला कर उन्हें निर्वस्त्र किया, उन्होंने राज्य की छवि को धूमिल किया है.
एन बीरेन सिंह ने कहा, 'मणिपुर के लोग महिलाओं को माता के समान मानते हैं, लेकिन कुछ बदमाशों ने यह हरकत की तथा हमारी छवि को धूमिल किया. हमने इस घटना की निंदा करने के लिए राज्यभर में घाटी एवं पहाड़ी दोनों ही क्षेत्रों में विरोध का आह्वान किया हैं.'
मणिपुर में कलाकारों ने भी जताया विरोध
मणिपुर के प्रतिष्ठित फिल्म निर्माता, संगीतकार, शिक्षाविद और उद्यमी ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने इसे बर्बर, शर्मनाक और मानव जाति के खिलाफ बताया और दोषियों के लिए कठोरतम सजा की मांग की.
मणिपुर में मारे जा चुके हैं 160 से ज्यादा लोग
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं.
राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पर्वतीय जिलों में रहते हैं. (इनपुट: भाषा)
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