Manipur Violence: हंगामे की भेंट चढ़ा मानसून सत्र का दूसरा भी दिन, लोकसभा 24 जुलाई तक के लिए स्थगित

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 21, 2023, 01:54 PM IST

Monsoon Session 2023 की कार्यवाही लगातार दूसरे दिन स्थगित हुई है.

Monsoon Session 2023: मणिपुर में हिंसा के दौरान कुकी समुदाय की महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और गैंगरेप करने का वीडियो वायरल हुआ है. इसे लेकर विपक्ष ने गुरुवार को भी संसद में कार्रवाई नहीं होने दी थी.

डीएनए हिंदी: Parliament News- संसद के मानसून सत्र का दूसरा दिन भी पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया है. लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी महज 19 मिनट ही चल सकी और फिर से उसे स्थगित करना पड़ा. इससे पहले भी कार्यवाही महज 4 मिनट चली थी. लोकसभा स्पीकर ने सदन को अब 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया है. राज्यसभा को भी सभापति ने गुरुवार दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित किया हुआ है, लेकिन मौजूदा हालात में कार्यवाही शुरू होने के आसार नहीं हैं. सरकार की तरफ से मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराने का प्रस्ताव देने पर भी विपक्ष नहीं मान रहा है. विपक्षी दल मणिपुर में महिलाओं के साथ बदसलूकी मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में आकर जवाब देने की मांग कर रहे हैं. 

लोकसभा की कार्यवाही पहले 12 बजे तक हुई थी स्थगित

लोकसभा में शुक्रवार को 11 बजे मानसून सत्र की कार्यवाही शुरू हुई. कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया. विपक्षी दल पीएम मोदी को सदन में बुलाने की मांग पर अड़े थे. कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया. कांग्रेस सासंद मनीष तिवारी, मनिकम टैगोर आदि ने भी नोटिस दिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपुर पर चर्चा कराने की बात कही, लेकिन विपक्ष ने हंगामा लगातार जारी रखा. हंगामे को देखते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है.

राज्यसभा में 19 मिनट तक चला हंगामा

राज्यसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हुआ. आप सांसद संजय सिंह आदि ने सदन की कार्यवाही के स्थगन का नोटिस दिया. सभी मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे. करीब 19 मिनट तक सदन में हंगामा होता रहा. इसके बाद सभापति ने कार्यवाही को दोपहर 2.30 बजे तक स्थगित कर दिया है.

मणिपुर के मुद्दे पर सदन पहुंचने के बाद किसने क्या कहा

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मणिपुर की घटना निश्चित तौर पर बेहद गंभीर है. इसी कारण खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि मणिपुर में जो हुआ, उसने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. PM ने सख्त से सख्त कार्रवाई का वादा किया है. हम मणिपुर पर संसद में चर्चा चाहते हैं. मैंने यह सर्वदलीय बैठक में भी कहा था और मैं इसे संसद में दोहराता हूं कि हम मणिपुर पर सदन में चर्चा चाहते हैं, लेकिन मैं देख रहा हूं कि कुछ राजनीतिक दल अनावश्यक रूप से चर्चा नहीं होने देने के हालात बनाना चाहते हैं.
  • भाजपा सांसद और फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी ने कहा, मणिपुर में बहुत ही घिनौनी घटना हुई है. ऐसा महिलाओं के साथ नहीं होना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने इसका जवाब दिया है. विपक्ष हमेशा पीएम मोदी के खिलाफ बोलता है. 
  • लोक जनशक्ति अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, विपक्ष का चर्चा ना कराना, ये दर्शाता है कि आपको सिर्फ हंगामा ही खड़ा करना है. आप हल चाहते ही नहीं हैं. आप स्पीकर के पास जाकर चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहे हैं. आप चाहें तो आज चर्चा शुरू हो जाएगी, सत्ता पक्ष भी मामले को सुलझाना चाहता है. वह भी चाहता है कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो. 
  • AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा, मणिपुर हमारे देश का अभिन्न अंग है और वहां जो दरिंदगी की घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे पूरे हिंदुस्तान का दिल दहल गया है. केंद्र सरकार नींद से जागे और इस विषय पर चर्चा कराए.
  • कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, मणिपुर में पिछले 77 दिन से अराजकता का माहौल है. मानसून सत्र में पीएम मोदी का ये दायित्व होना चाहिए कि इस विषय पर वो सदन के समक्ष बोलें. सवाल ये है कि पिछले 78 दिन मणिपुर में जो हो रहा है उसका जिम्मेदार कौन हैं? इसलिए विपक्ष ने काम रोको प्रस्ताव के तहत मांग की है कि दोनों सदनों में इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए. हमारी मांग है कि पीएम सदन के बाहर बोल सकते हैं तो सदन के अंदर क्यों नहीं बोल सकते?
  • केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, नए-नए तरीके से चर्चा को रोकना और बहस करना ये बिल्कुल गलत है. पीएम मोदी के नेतृत्व में हम सार्थक चर्चा करना चाहते हैं, इसलिए वो सहयोग करें, लेकिन वे चर्चा ही नहीं करना चाहते हैं. वे हर बार ऐसे मुद्दे लाते हैं, जिसमें कोई मुद्दा नहीं होता है.

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