डीएनए हिंदी: Manipur Violence Updates- मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने के वायरल वीडियो पर देश में घमासान जारी है. कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों को 11 दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है. उधर, विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में बयान और चर्चा को लेकर सदन से सड़क तक विरोध जारी रखा है. इसके चलते संसद के मानसून सत्र में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी कामकाज नहीं हो सका था. लोकसभा को तो 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. विपक्षी दल मणिपुर सरकार को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं.
क्या है वायरल वीडियो का मामला
मणिपुर में बुधवार को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र करने के बाद उन्हें सड़क पर घुमाते हुए दिखाया गया था. इस दौरान उनके साथ अश्लील हरकतें की जा रही थीं. दावा है कि बाद में उन महिलाओं के साथ गैंगरेप भी किया गया. ये महिलाएं कुकी आदिवासी समुदाय की बताई गई हैं और यह घटना मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू होने से एक दिन बाद 4 मई की है. यह वीडियो सामने आने के बाद पूरा देश शर्मसार हो गया. मणिपुर हिंसा पर अब तक नहीं बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस वीडियो के बाद बयान देने पर मजबूर होना पड़ा है.
पुलिस ने की है अब तक ये कार्रवाई
मणिपुर पुलिस के मुताबिक, इस केस में 4 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जिन्हें थोउबल जिले की एक अदालत ने 31 जुलाई तक के लिए पुलिस रिमांड पर सौंपा है. आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट के सामने पेश किया गया था. पुलिस ने यह भी बताया कि आक्रोशित भीड़ ने एक और संदिग्ध आरोपी का घर शुक्रवार दोपहर को जला दिया. यह घटना थोउबल जिले के वांगजिंग में हुई है. हालांकि 20 वर्षीय संदिग्ध एल. कबीचंद्र अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. इससे पहले गुरुवार को भी मामले के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद मैतेई महिलाओं के संगठन मीरा पैबी की सदस्यों ने उसका घर जला दिया था. पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी हुइरोम के खिलाफ मजबूत सबूत हैं. वह वायरल वीडियो में बी फाइनोम गांव की भीड़ को निर्देश देते हुए स्पष्ट दिख रहा है.
मणिपुर के सीएम बोले- राज्य की महिलाएं माता समान, इस्तीफा नहीं सजा दूंगा
मणिपुर में हिंसा को रोकने में विफल रहने और महिलाओं के साथ ऐसी जघन्य बदसलूकी के लिए विपक्षी दल मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह का इस्तीफा मांग रहे हैं. बीरेन सिंह ने शुक्रवार को साफ कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने कहा, राज्य के लोग महिलाओं को 'माता समान' मानते हैं, लेकिन उपद्रवियों ने आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर राज्य की छवि पर दाग लगाया है. मैं इस्तीफा नहीं दूंगा. इस घटना के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी. उन्होंने कहा, हमने इस घटना की निंदा करने के लिए राज्यभर में घाटी एवं पहाड़ी दोनों ही क्षेत्रों में विरोध का आह्वान किया हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बदसलूकी में गिरफ्तार लोगों से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं, जिसका अभी खुलासा नहीं किया जा सकता. उधर, राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने मीडिया को बताया कि पीड़ित महिलाएं अब सुरक्षित हैं.
विपक्षी दलों ने तेज किया विरोध प्रदर्शन
संसद में मानसून सत्र के दो दिन बीतने के बावजूद कार्यवाही नहीं होने दे रहे विपक्षी दल अभी थमने के मूड में नहीं हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से लोकसभा में मणिपुर हिंसा पर चर्चा का प्रस्ताव देने पर भी विपक्षी दलों ने हंगामा जारी रखा है. साथ ही सड़क पर भी विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी है. कांग्रेस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राज्य सरकार को बर्खास्त करने के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग करने की मांग की है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मणिपुर हिंसा पर केंद्र से राज्य तक की सरकारें असहाय दिखी हैं. महिलाओं से बदसलूकी और मणिपुर में 80 दिन से जारी हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसद के भीतर बयान देना चाहिए.
मणिपुर हिंसा पर दिल्ली, झारखंड और गोवा में प्रदर्शन
दिल्ली, झारखंड और गोवा में भारी संख्या में लोग मणिपुर हिंसा के विरोध में जुटे. दिल्ली में छात्र संगठन AISHA और क्रांतिकारी युवा संगठन के नेतृत्व में लोग तख्तियां और बैनर लेकर जंतर-मंतर पर एकत्र हुए. इन तख्तियों और बैनरों पर 'मुख्यमंत्री बीरेन सिंह इस्तीफा दो' और 'मणिपुर में हिंसा समाप्त करो" जैसे नारे लिखे थे. झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को 10 अलग-अलग आदिवासी संगठनों ने जयपाल सिंह स्टेडियम से अल्बर्ट एक्का चौक तक मार्च निकाला, जिसमें लोगों ने कथित तौर पर हिंसा को रोकने में विफल रहने के लिए केंद्र और मणिपुर सरकार के खिलाफ नारे लगाए. उधर, मणिपुर में महिलाओं पर अत्याचार के विरोध में शुक्रवार को गोवा में एक महिला ने अपना सिर मुंडवा लिया. साथ ही समान विचारधारा वाले नागरिकों के एक समूह ने घटना की निंदा करते हुए पणजी के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.