Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई (CBI) को नोटिस भेजा है. यह नोटिस सुप्रीम कोर्ट की नई बेंच ने भेजा है, जिसका गठन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को ही इस मामले में सुनवाई के लिए किया है. नई बेंच ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में जेल में बंद सिसोदिया की जमानत याचिका पर ED और CBI को अपना-अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. सिसोदिया करीब 16 महीने से तिहाड़ जेल में बंद हैं, जिसके चलते उन्हें दिल्ली के डिप्टी सीएम का पद भी छोड़ना पड़ा है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी.
चीफ जस्टिस ने किया है नई बेंच का गठन
दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए नई बेंच गठित करने की मांग की गई थी. इसके बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने तीन जजों की नई बेंच को यह मामला सुनने का आदेश दिया था. इस बेंच में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस केवी विश्वनाथन को शामिल किया गया है.
बेंच ने सुनवाई के लिए दी मंजूरी
बेंच ने मंगलवार को गठन के तत्काल बाद दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े इस मामले की सुनवाई की. सिसोदिया की जमानत याचिका को सुनने लायक मानते हुए बेंच ने उस पर सुनवाई करने की मंजूरी दी. साथ ही सीबीआई और ईडी को भी अपना-अपना पक्ष रखने का आदेश दिया. दोनों जांच एजेंसियों को इसके लिए नोटिस जारी किया गया है, जिसमें अगली सुनवाई से पहले अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है. मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को तय की गई है.
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16 महीने से जेल में बंद हैं सिसोदिया
दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Liquor Scam) में CBI ने 17 अगस्त 2022 को 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसमें डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का भी नाम था. सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था. इस FIR के आधार पर सिसोदिया के खिलाफ ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया था. सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को CBI ने गिरफ्तार किया था. बाद में 9 मार्च को ईडी ने भी तिहाड़ जेल पहुंचकर सिसोदिया को गिरफ्तार करने की औपचारिकता पूरी की थी. सिसोदिया इसके बाद से जेल में ही बंद हैं. हालांकि बीच-बीच में उन्हें बीमार पत्नी का हाल-चाल जानने के लिए कुछ घंटों या दिन की जमानत मिलती रही है.
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क्या था आबकारी नीति घोटाला
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई आबकारी नीति लागू की थी. जुलाई, 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव ने इस नीति में गड़बड़ी होने और इससे एक खास ग्रुप को आर्थिक लाभ पहुंचने की रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि लाइसेंस धारकों को शुल्क माफी के जरिये अनुचित लाभ दिया गया था. रिपोर्ट में था कि इस नई नीति के कारण दिल्ली को करीब 144 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा हुआ है. इसे ही दिल्ली आबकारी नीति घोटाला (Delhi Excise Policy Case) कहा जा रहा है.
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