Arvind Kejriwal ने क्यों नहीं दी Manish Sisodia को कुर्सी? क्या है फैसले का झारखंड-बिहार कनेक्शन? जानें पूरी बात

कुलदीप पंवार | Updated:Aug 27, 2024, 02:52 PM IST

Arvind Kejriwal इस समय तिहाड़ जेल में हैं, जबकि Manish Sisodia जमानत पर बाहर आ गए हैं. ऐसे में माना जा रहा था कि केजरीवाल अपनी गद्दी सिसोदिया को सौंप देंगे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है. इसके चलते अफवाहें उड़ रही हैं.

Delhi Liquor Policy Case के आरोप में करीब एक साल तक जेल में रहने के बाद दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अब जमानत पर बाहर हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भी इस केस में ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई (CBI) के गिरफ्तार करने के बाद तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद हैं. केजरीवाल 21 मार्च से जेल में बंद हैं और वहीं से दिल्ली की सरकार चला रहे हैं. हालांकि इससे कई तरह की प्रशासनिक समस्याएं खड़ी हुई हैं, लेकिन केजरीवाल ने इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी के किसी अन्य नेता को सत्ता चलाने का मौका नहीं दिया है. मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद चर्चा शुरू हुई थी कि अब केजरीवाल अपनी कुर्सी उन्हें दे सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. इससे यह कयासबाजी शुरू हो गई है कि क्या केजरीवाल बिहार में जीतनराम मांझी और झारखंड में चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर सामने आए परिणामों को लेकर डरे हुए हैं. इसी कारण केजरीवाल ने सिसोदिया को मुख्यमंत्री पद नहीं सौंपा है. उधर, Zee News के कार्यक्रम में पहुंचे मनीष सिसोदिया ने इस कयासबाजी को गलत ठहराते हुए दावा किया है कि अगले कुछ दिन में ही केजरीवाल भी जेल से बाहर आने वाले हैं.

पहले जान लीजिए क्या था झारखंड और बिहार का मामला

बिहार में RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाले में जेल जाने पर अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था. राबड़ी देवी के भी कानूनी लपेटे में फंसने पर लालू ने पार्टी के वरिष्ठ दलित नेता जीतन राम मांझी को सीएम पद पर बैठाया था, लेकिन बाद में मांझी ने पद छोड़ने से इंकार कर दिया था. इसे लेकर हुई तकरार के बाद मांझी ने RJD छोड़कर अपनी अलग पार्टी HAM बना ली थी.

झारखंड में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ED के जेल भेजने पर अपनी पार्टी JMM के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया था. हेमंत सोरेन के जमानत मिलने पर जेल से निकलने के बाद चंपई सोरेन को इस्तीफा देने के लिए कहा गया, जिसे लेकर पार्टी में फूट पड़ गई है. चंपई सोरेन अपने साथ कई वरिष्ठ नेताओं को लेकर आगामी 30 अगस्त को BJP जॉइन करने जा रहे हैं. इन दोनों मामलों का उदाहरण देकर ही कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल भी अपने साथियों पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं और इसी कारण जेल में रहकर भी मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ रहे हैं.

सिसोदिया बोले- हमारे बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं

जी न्यूज के प्रोग्राम 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' में पहुंचे आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया ने इन कयासबाजियों को गलत बताया है. उन्होंने कहा,'आम आदमी पार्टी में एक-दूसरे के साथ कोई प्रतिस्पर्धा ही नहीं है. मैं मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं बल्कि लोगों के बीच रहने के लिए बाहर आया हूं. आम आदमी पार्टी की ताकत को सामान्य राजनीतिक समझ रखने वाले लोग ये नहीं समझ पाते. उन्हें समझ नहीं आता कि ऐसा कैसे हो सकता है कि ये आप वाले कैसे हैं, जिनमें आपस में प्रतिस्पर्धा नहीं, एक-दूसरे का गला नहीं काटते, एक-दूसरे की कुर्सी खींचने के चक्कर में नहीं पड़ते हैं.'

'केजरीवाल 5-7 दिन में आ जाएंगे बाहर'

सिसोदिया ने कहा,'दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं औ वे अगले 5-7 दिन में वे भी जेल से बाहर आ जाएंगे. दिल्ली की जनता ने केजरीवाल को सीएम चुना है. जनता केजरीवाल से प्यार करती है और वे दिल्ली के लोगों से प्यार करते हैं. भारतीय जनता पार्टी कितनी भी कोशिश कर ले, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही रहेंगे.'

केजरीवाल बाहर नहीं आए तो?

जब सिसोदिया से यह पूछा गया कि यदि अगले साल दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर नहीं आए तो क्या होगा? क्या मनीष सिसोदिया को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया जाएगा? इस पर सिसोदिया बोले,'हमें भगवान और संविधान व न्यायालय पर पूरा भरोसा है. इसी भरोसे के साथ कह रहा हूं कि अगले 5-10 दिन में केजरीवाल बाहर आ जाएंगे और यह सवाल अप्रासंगिक हो जाएगा.' 

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