डीएनए हिंदी: दिल्ली (Delhi) के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जेल में बंद आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया की बीमार पत्नी सीमा सिसोदिया ने उनसे मुलाकात की है. सीमा सिसोदिया 103 दिनों बाद पति मनीष सिसोदिया से मिली हैं. उन्होंने मुलाकात के बाद एक भावनात्मक नोट भी शेयर किया है.
सीमा सिसोदिया ने अपने नोट में लिखा है राजनीति में आने से उन्हें परेशानी होगी, इस बात की आशंका उनके अपनों ने जाहिर की थी. सीमा सिसोदिया ने राजनीति को गंदा खेल भी बताया है. उन्होंने कहा है कि लोग सही कहते थे कि राजनीति गंदी है.
सीमा सिसोदिया ने लिखा, 'आज 103 दिन बाद मनीष से मिलने का मौका मिला. न जाने और कितने दिन मुझे, मेरे पति और परिवार को ऐसी साजिशे झेलनी पड़ेंगी. सही कहते थे सब, राजनीति गंदी है.'
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सीमा सिसोदिया ने लिखा, 'ये चाहे जो भी कर लें, अरविंद और मनीष के शिक्षा के सपने को सलाखों के पीछे कैद नहीं कर पाएंगे. शिक्षा की राजनीति जरूर जीतेगी.'
'103 दिन बाद मनीष से हुई मुलाकात, लोग ठीक कहते थे राजनीति है गंदी'
सीमा सिसोदिया ने लिखा, 'आज 103 दिन बाद मनीष से मुलाकात हुई. सात घंटे के लिए. वह भी इस तरह पुलिस बेडरूम के दरवाजे पर बैठी है और आपको लगातार देख रही है और आपकी हर बात सुन रही है. शायद इसलिए कहते हैं कि राजनीति गंदी है. जब ये लोग पार्टी बना रहे थे तो उस वक्त बहुत से शुभचिंतकों से सुनने को मिला था कि पत्रकारिता और आंदोलन तक तो ठीक है पर राजनीति के चक्कर में मत पड़ो. यहां पहले से बैठे लोग काम करने नहीं देंगे और परिवार को परेशान करेंगे. लेकिन यह मनीष की जिद थी. उन्होंने अरविंद और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया. इन लोगों की राजनीति ने बड़े-बड़े लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी की बात करने पर मजबूर किया.'
सीमा सिसोदिया की चिट्ठी में सिर्फ इस बात पर रहा जोर
सीमा सिसोदिया ने लिखा, 'बीते तीन महीने में दुनिया की शिक्षा का इतिहास पढ़ डाला है. किस देश के किस नेता ने शिक्षा पर जिद करके काम किया और फिर वो देश आज कहां से कहां पहुंच गए हैं. जापान, चीन, सिंगापुर, इजरायल और अमेरिका. भारत की शिक्षा में क्या अच्छा हुआ और क्या कमी रह गई. आज की हमारी मुलाकात में मेरी तबियत के साथ-साथ ये भी बातें हुईं.'
'103 दिन से दरी बिछाकर फर्श पर सो रहे मनीष सिसोदिया'
सीमा सिसोदिया ने लिखा, 'आज वही जिद फिर से मनीष के चेहरे पर और बातों में दिखाई दीं, जो आदमी पिछले 103 दिन से एक दरी बिछाकर फर्श पर सो रहा था. लेकिन इन सबके बावजूद आज भी उनकी आंखों में एक ही सपना है, शिक्षा के जरिए देश को खड़ा करना है, केजरीवाल के साथ मिलकर ईमानदार राजनीति करके दिखानी है. भले ही कितनी मुसीबतें आएं, कितनी साजिशें हों.'
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'जेल जाकर भी नहीं बदले मनीष के तेवर'
सीमा सिसोदिया ने लिखा, 'मुझे फख्र है कि मेरा पति आज भी अपनी उसी जिद और तेवर में है. अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिशें कर ये लोग खुश होंगे कि अरविंद के सिपाही को जेल में डाल दिया है. पर मैं देख रही हूं कि तिहाड़ जेल की एक कोठरी में 2047 के शिक्षित और समृद्ध भारत का सपना मजबूती से बुना जा रहा है. झूठ और साजिशों के सामने ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति का सपना जरूर जीतेगा.'
3 जून को मनीष सिसोदिया को अपनी बीमार पत्नी से मिलने के लिए 7 घंटों के लिए जमानत दी गई थी. वह जेल से बाहर आकर अपनी बीमार पत्नी से मिले थे. घर पहुंचने से पहले ही उनकी पत्नी को तबीयत बिगड़ने पर लोकनायक जयप्रकाश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. अब मनीष सिसोदिया की पत्नी का भावुक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
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