मनीष तिवारी ने मनमोहन पर फोड़ा 'किताब बम', आंतिरक रूप से बिखर गई कांग्रेस

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 23, 2021, 04:49 PM IST

मनीष तिवारी ने अपनी किताब में मनमोहन सरकार पर प्रश्न उठाकर कांग्रेस के लिए एक सेल्फ गोल कर दिया है, जिसका नुकसान आने वाले चुनावों में दिख सकता है.

डीएनए हिंदीः देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी समस्या आज की स्थिति में भाजपा नहीं, अपितु उसके खुद के ही राजनेता हैं. ये बगावती नेता लगातार पार्टी की कार्यशैली पर प्रश्न खड़े करते हुए अध्यक्ष पद के चुनाव की मांग करते रहे हैं. गुलाम नबी आजाद से लेकर कपिल सिब्ब्ल सभी का कोई-न-कोई बयान कांग्रेस को परेशान करता रहता है. इस मुसीबत में इज़ाफा करते हुए नया बम मनीष तिवारी ने फोड़ा है. मनीष तिवारी ने मनमोहन सरकार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है. वहीं अब उनके प्रश्नों का उत्तर देना कांग्रेस के लिए असहज हो रहा है. 

मनमोहन सरकार पर सवाल

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपनी नई किताब '10 Flash Points, 20 Years'लॉन्च कर दी है. उनकी इस किताब पर अब बवाल मच गया है. इस किताब में उन्होंने 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के बाद मनमोहन सरकार की नाकामियां गिनाईं हैं. उन्होंने लिखा, "मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करके आपने अपनी कमजोरी को दर्शाया। मनमोहन सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी।"

कार्रवाई की थी आवश्यकता

बड़े आतंकी हमले के बाद मनमोहन सरकार की तत्कालीन चुप्पी को लेकर मनीष तिवारी ने अपनी किताब में लिखा, "एक वक्त आता है, जब कार्रवाई शब्दों से ज्यादा बोलती है। 26/11 वह समय था, जब सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी।" उन्होंने मुंबई हमले की तुलना अमेरिका के सन 2000 में हुए 9/11 से करते हुए कहा, "भारत को उस समय अमेरिका की तरह ही जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए थी।" 

कांग्रेस पर चौतरफा प्रश्न

भाजपा नेता एवं हाल ही राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त हुए शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपनी किताब के माध्यम से एकदम सही हमला बोला है, क्योंकि उस समय एयर चीफ मार्शल पाकिस्तान पर हमला करने के लिए तैयारी कर रहे थे लेकिन उन्हें सरकार द्वारा मंजूरी ही नहीं मिली. कांग्रेस इसका आरोप हिन्दुओं पर लगाने में व्यस्त थी. 

भाजपा हो सकती है आक्रामक

चुनाव के ठीक पहले मनीष तिवारी की इस किताब की लॉन्चिंग ने कांग्रेस के लिए राहें मुश्किल कर दी हैं. इसकी वजह ये भी है कि भाजपा चुनाव में इस किताब के हवाले से कांग्रेस के राष्ट्रवाद को आड़े हाथों ले सकती है. यही कारण है कि भाजपा अपने प्रत्येक मंच से सेना को मिली खुली छूट का उल्लेख अवश्य करती है और कांग्रेस पर बेवजह सेना के शौर्य पर प्रश्न उठाने का आरोप लगाती है. 

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