क्या भारत और अमेरिका के कूटनीतिक रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे मणिशंकर अय्यर

Written By कृष्णा बाजपेई | Updated: Nov 25, 2021, 06:24 PM IST

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से ठीक पहले अय्यर का ये बयान भारत के साथ रूस एवं अमेरिका दोनों के रिश्तों को प्रभावित कर सकता है.

डीएनए हिंदीः अंतराष्ट्रीय मसलों पर पक्ष हो या विपक्ष सभी खेमे के नेताओं को अत्यधिक सोच-समझकर बोलने की आवश्यकता है. इसके विपरीत भारतीय राजनीति में मोदी सरकार को आए दिन नीचा दिखाने के लिए विपक्षी नेता विदेशी कूटनीतिक मुद्दों पर बयान देते रहते हैं. इसमें सबसे आगे कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर हैं, जिन्होंने एक बार फिर भारत रूस रिश्तों को लेकर अजीबो-गरीब बयान दिया. इसका सीधा असर भारत और अमेरिका के रिश्तों पर पड़ सकता है. 

रूस के साथ ठंडे हुए रिश्ते

कांग्रेसी नेता रूस के साथ भारत के रिश्तों को कमजोर बताते हुए मोदी सरकार को घेरते रहे हैं. इन्हीं कारणों के चलते ये नेता अमेरिका को भी कोसते रहते हैं. इस कड़ी मेंअब कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने इंडो-रशियन फ्रेंडशिप सोसायटी के एक सम्मेलन में भारत-रूस रिश्तों को लेकर आलोचनात्मक बयान दिया.

उन्होंने कहा, "अमेरिका के साथ तनाव था लेकिन मॉस्को के साथ हमारे संबंध कभी इस तरह तनावपूर्ण नहीं रहे. जब से भाजपा की सरकार आई है, स्थिति पूरी तरह बदल गई है." उन्होंने यहां तक कह दिया कि भारत अमेरिका का गुलाम बन गया है. उनका ये बयान दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों के लिए नकारात्मकता का प्रतीक बन सकता है.

इंदिरा की खूब करी तारीफ 

मणिशंकर अय्यर ने अमेरिका के साथ रिश्तों पर कहा, "अमेरिकियों के साथ हमारे संबंधों में, कभी-कभी गर्व होता है हालांकि, रूस के साथ ऐसा कभी नहीं होता है. चाहे वह उस समय का सोवियत संघ हो या आज का रूसी संघ. हम प्रत्येक को समान रूप से देखते हैं."

उन्होंने रूस के साथ भारत के रिश्तों को शुरू करने के लिए इंदिरा गांधी की तारीफ की. अय्यर ने कहा, "इंदिरा एक रूसी नाम बन गई है। बहुत सी लड़कियों के नाम इंदिरा हैं, खासकर उज्बेकिस्तान में."

पहले भी दे चुके हैं आपत्तिजनक बयान

खास बात ये है कि अय्यर ने ये बयान उस समय दिया है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत यात्रा पर आने वाले हैं. भले ही अय्यर रूस से रिश्ते बेहतर करने की बात कर रहे हों किन्तु उनका रवैया आलोचनात्मक है. इतना ही नहीं, उनके इस बयान के बाद भारत एवं अमेरिका के रिश्ते भी प्रभावित हो सकते हैं.

मणिशंकर अय्यर पहले भी भारत-रूस, भारत-अमेरिका और भारत-पाकिस्तान के कूटनीतिक रिश्तों को लेकर आलोचनात्मक बयान दे चुके हैं. अय्यर वही नेता हैं जिन्होंने पाकिस्तान जाकर वहां की मीडिया एवं सरकार से मोदी सरकार को हटाने की गुहार लगाई थी.