Krishna Janmabhoomi: मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद मामले पर सुनवाई टली, 31 मई की मिली तारीख

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 25, 2022, 02:07 PM IST

मथुरा सिविल कोर्ट ने विवादित स्थल का सर्वे कराने का आदेश दिया है.

Idgah Masjid Case: मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़े मामले पर सिविल कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई है. कोर्ट ने 31 मई की अगली तारीख दी है.  

डीएनए हिंदीः मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmabhoomi) मामले में एडीजे कोर्ट में होने वाली सुनवाई आज टल गई है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 31 मई को होगी. यह मामला श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि से जुड़ा है. याचिका में ईदगाह मस्जिद की जमीन को मुक्त करवाकर मंदिर में शामिल करने की मांग की गई है. 

किसने दाखिल की अर्जी
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में लॉ की छात्रा उपासना सिंह, अनुष्का सिंह, नीलम सिंह  साधना सिंह, अंकिता सिंह, डॉ. शंकुतला मिश्रा (लखनऊ विश्वविद्यालय), दिव्या निरंजन (आईसीएएफएआई देहरादून) के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के अधिवक्ता अंकित तिवारी एडवोकेट, वरुण कुमार मिश्रा, शैलेंद्र सिंह, दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता रंजन कमार रॉय की ओर से अर्जी दाखिल की गई है. इस मामले पर 19 मई को सुनवाई हुई थी. मथुरा कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लिए योग्य माना था और कहा था कि इस मामले पर सिविल कोर्ट में सुनवाई की होगी, जिसके लिए 26 मई की तारीख को मुकर्रर किया गया था. 

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याचिका में क्या मांग?
हिन्दू पक्ष की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि श्रीकृष्ण विराजमान की कुल 13.37 एकड़ जमीन में से करीब 11 एकड़ जमीन पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थापित है, जबकि शाही ईदगाह मस्जिद 2.37 एकड़ जमीन पर बनी है, जो जमीन मंदिर की है. याचिका में ईदगाह मस्जिद की जमीन को मुक्त कराकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान में शामिल करने की मांग की गई है.

अदालत ने मांगे सबूत
लॉ छात्राओं ने इस मामले में सीपीसी के सेक्शन 92 को आधार मानते हुए दावा पेश किया है. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले में जमीन से जुड़े कागजात पेश करने को कहा था. सेक्शन 92 के तहत दो या दो से अधिक लोगों द्वारा एक मत होकर संस्थान के साथ हुए गलत को जनहित में सही करने के लिए दावा किया जा सकता है.   

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