मायावती ने छीना भतीजे आकाश आनंद से उत्तराधिकारी होने का हक, BSP में सभी पदों से भी हटाया

Written By कुलदीप पंवार | Updated: May 07, 2024, 10:33 PM IST

Mayawati ने लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण के मतदान के बीच इस बड़े फैसले की जानकारी अपने सोशल मीडिया पर साझा की है. हालांकि उन्होंने ये भी संकेत दिए हैं कि यह फैसला बदल भी सकता है.

Lok Sabha Elections 2024 के तीसरे चरण के मतदान की समाप्ति के साथ ही भारतीय राजनीति में एक बड़ी खबर सामने आ गई है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया है. दलित समुदाय के बीच 'बहन जी' के नाम से मशहूर मायावती ने आकाश को अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित करते हुए यह जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल आकाश उनके उत्तराधिकारी नहीं होंगे. हालांकि उन्होंने अपने भाई व आकाश के पिता आनंद कुमार को पार्टी में दी गई जिम्मेदारी बरकरार रखी है. बता दें कि इस फैसले से कुछ दिन पहले आकाश आनंद के खिलाफ सीतापुर में रैली के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर FIR दर्ज हुई थी, जिसके बाद आकाश अपनी सभी रैलियां छोड़कर गिरफ्तारी के डर से उत्तर प्रदेश से बाहर चला गया था. माना जा रहा है कि मायावती का यह फैसला आकाश के इसी कदम का नतीजा है.

क्या लिखा है मायावती ने सोशल मीडिया पर

बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल पर लिखा, बीएसपी पार्टी ही नहीं बाबा साहेब डा भीमराव अंबेडकर के आत्मसम्मान, स्वाभिमान व सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है. इसके लिए कांशीराम व मैंने पूरी जिंदगी समर्पित की है. उन्होंने आगे लिखा, इसे गति देने के लिए ही नई पीढ़ी तैयार की जा रही है. इसी कारण पार्टी में अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही मैंने आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, लेकिन पार्टी व मूवमेंट के व्यापक हित में आकाश को पूरी तरह मेच्योर होने तक इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है. मायावती ने लिखा, आकाश के पिता आनंद कुमार पार्टी व मूवमेंट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे. बीएसपी नेतृत्व पार्टी हित में व बाबा साहेब डा. अंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है.

आकाश ने तालिबान से की थी भाजपा की तुलना, हो गई थी FIR

आकाश आनंद को पहली बार बसपा की तरफ से चुनाव प्रचार में उतारा गया था. पूरी तरह स्वतंत्र तरीके से चुनाव प्रचार अभियान की कमान थामे आकाश 28 अप्रैल को सीतापुर में रैली के दौरान असंसदीय भाषा का प्रयोग कर बैठे थे. आकाश ने रैली के मंच से उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को 'आतंकवादियों की सरकार' और तालिबान जैसा बताया था. इसके बाद आकाश समेत कई बसपा नेताओं के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 171c, 153b, 188, 502(2), और आरपी एक्ट की धारा 125 के तहत FIR दर्ज की थी. 

FIR के बाद रद्द हो गए थे प्रचार कार्यक्रम

आकाश आनंद के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद पार्टी ने उनके प्रचार कार्यक्रम रद्द कर दिए थे. उनकी दो रैलियां रद्द की गई थीं. हालांकि उसका कारण किसी 'पारिवारिक सदस्य की अस्वस्थता' बताया गया था. उसी समय BSP के पुराने नेताओं ने कहा था कि आकाश जिस अंदाज में राजनीति कर रहे हैं, उनकी लंबे समय तक बहन जी के साथ नहीं निभने वाली है. इन नेताओं ने कहा था कि बहन जी विपक्षी के खिलाफ आक्रामक शैली की राजनीति करते हैं, लेकिन उसमें भी वे एक मर्यादा का ख्याल रखती हैं. आकाश इस सीमा से आगे बढ़ गए हैं. इन नेताओं के इस आकलन के बाद अब आकाश को मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी पद से हटाए जाने की खबर सामने आ गई है.

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