मुंबई में कम से कम 300 वर्ग फुट का मिलेगा लोगों को सरकारी मुफ्त फ्लैट, जानिए क्यों

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 14, 2023, 09:10 AM IST

मुंबई में सभी सरकारी फ्लैट न्यूनतम 300 वर्ग फुट के होंगे.

मुंबई सरकार ने इमारतों के पुनर्विकास के दौरान सभी नागरिकों को लाभ देने के लिए एक समान नियम लागू करने की योजना बना रही है. छोटा फ्लैट भी अब न्यूनतम 300 वर्ग फुट का होगा.

डीएनए हिंदी: मुंबई में अब पुरानी टूटी-फूटी इमारतों को फिर से बनाने की इजाजत मिल गई है. राज्य सरकार महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलेपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने कॉलोनी में रहने वाले लोगों के लिए समान नियम बनाने की तैयारी कर रही है. नई नीति के मुताबिक 300 वर्ग फुट से कम इमारतों का पुनर्विकास होने पर उन्हें न्यूनतम 300 वर्ग फुट का क्षेत्र मिलेगा.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहले प्रशासन को 388 MHADA फ्लैट मालिकों को विकास नियंत्रण नियम 33(7) का लाभ देने का आदेश दिया था. MHADA ने तीन से चार दशक पहले 27,373 फ्लैटों वाली लगभग 900 पुरानी और जीर्ण-शीर्ण इमारतों को ध्वस्त करके 388 इमारतों को फिर से तैयार कराया था. राज्य सरकार का शहरी विकास विभाग (UDD) अब 33(7) के तहत इन्हें दूसरी बार पुनर्विकास करने की अनुमति देने के फॉर्मूले और नियमों पर काम कर रहा है.

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कम से कम 300 वर्ग फुट का होगा फ्लैट
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक UDD अधिकारियों ने कहा है कि पुनर्विकास परियोजनाओं में कम से कम 300 वर्ग फुट के मुफ्त घर सेस्ड इमारतों में रहने वाले निवासियों को दिए जाते हैं. सीएम एकनाथ शिंदे ने पहले मानसून सत्र में घोषणा की थी कि सरकार MHADA की ओर से निर्मित 388 इमारतों के निवासियों को इस योजना का लाभ देगी.

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सभी इमारतों के लिए होंगे एक जैसे नियम
अधिकारियों का कहना है कि मुंबई में अन्य इमारतें भी हैं और हम इमारतों के पुनर्विकास के लिए नीतिगत निर्णय लेने की योजना बना रहे हैं. यह नया निर्णय पुरानी इमारतों में 100 से 200 वर्ग फुट के घरों में रहने वाले सभी मुंबई निवासियों के लिए न्यूनतम 300 वर्ग फुट के लिए घर की व्यवस्था कराएगा.

अरसे से हो रही है नियमों की मांग
पूर्व कांग्रेस विधायक मधु चव्हाण के नेतृत्व में MHADA संघर्ष कृति समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी यूडीडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव असीमकुमार गुप्ता से मुलाकात की है. उनकी मांग है कि 388 इमारतों के पुनर्विकास के संबंध में निर्णय जारी करते हुए पुनर्विकास की प्रक्रिया 33 (7) के तहत की जानी चाहिए. सीएम शिंदे ने विधानसभा में घोषणा की थी कि इमारतों को डीसी 33(7) के सभी लाभ मिलेंगे लेकिन बाद में प्रशासन ने इस विचार पर वीटो लगा दिया था.

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