PM मोदी भी MI17 v5 में करते हैं यात्रा, आखिर कैसे हुआ CDS Bipin Rawat के साथ हादसा?

कृष्णा बाजपेई | Updated:Dec 09, 2021, 02:03 PM IST

CDS Bipin Rawat का निधन जिस MI17 v5 हेलिकॉप्टर में हुआ, उसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री तक यात्रा करते रहते हैं.

डीएनए हिंदीः  किसी सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली चीज के साथ जब को दुर्घटना होती है तो उसकी सुरक्षा एवं विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़े होने लगते हैं. देश के पहले CDS Bipin Rawat की तमिलनाडु के कन्नूर में Helicopter Crash में हुए निधन के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि वो किस हेलिकॉप्टर में बैठे थे. सीडीएस बिपिन रावत सल्लूर से जिस विमान में बैठकर कन्नूर के लिए चले थे, वो विश्व का सबसे अत्याधुनिक माना जाने वाला MI17 v5 था  जिसकी डिटेल्स चौंकाने वाली हैं. 

सबसे सुरक्षित है MI17 v5 हेलिकॉप्टर 

CDS Bipin Rawat जिस  MI17 v5 हेलिकॉप्टर में बैठे थे. वो इस वक्त दुनिया का सर्वाधिक लोकप्रिय मिड हेलिकॉप्टर माना जाता है. इसका उत्पादन मुख्य रूप रूस से हुआ था. इसके बाद टेक्नोलॉजी स्थानांतरण के तहत इसे भारत में बनाया जा रहा है. भारतीय वायुसेना इसका छोटी दूरी के कार्यों के लिए बड़ी सहजता के साथ इस्तेमाल करती है. इसकी सुरक्षा विश्ववसनीयता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं. कि भारत के अलावा विश्व के 90 से ज्यादा देशों की वायुसेना के बीच इस हेलिकॉप्टर को लोकप्रिय माना जाता है. 

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प्रधानमंत्री तक करते हैं MI17 v5 से यात्रा 
 
किसी राष्ट्र के सर्वोच्च नेता जिस वाहन से चलते हों तो उससे सुरक्षित वाहन शायद ही कोई होगा.  MI17 की सुरक्षा विश्वसनीयता का पैमाना यही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश के रक्षामंत्री तक की यात्रा में वायुसेना का भरोसा  MI17 v5 पर ही होता है. इसकी एक वजह ये भी है कि रूस से टेक्नोलॉजी लेने के बाद भारत ने इसे अपने नए अपडेटेड वर्जन MI17 v5 के तौर पर इस्तेमाल किया है. 

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MI17 v5 की विश्वसनीयता पर सवाल 

MI17 v5 एक ऐसा हेलिकॉप्टर है जिसका क्रैश रिकॉर्ड अन्य सभी आधुनिक जहाजों से कम है. इसके बावजूद देश के सबसे बड़े सैनिक की यात्रा के दौरान इस हेलिकॉप्टर क्रैश होना इसकी सुरक्षा विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है. इसके चलते संभावनाएं ये भी हैं कि वीवीआईपी इसका इस्तेमाल करने से कतराने लगें.

CDS Bipin Rawat के साथ हुए इस हादसे के पीछे सचमुच को तकनीकी खामी थी या कोई साजिश. इस प्रश्न का जवाब तो हादसे में एक मात्र बचे जवान ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही बता सकते हैं. यही कारण है कि उनकी सलामती के लिए दुआओं का दौर जारी हैं. वहीं हादसे का खुलासा हेलिकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स से हो सकता है.

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