डीएनए हिंदी: केरल में वामपंथी ट्रेड यूनियन नेता पीके अनिल कुमार ने 50 लाख रुपये की लग्जरी मिनी कूपर कार क्या खरीदी, उनकी राजनीतिक पारी ही लड़खड़ाने लगी. पहले तो उनके महंगे शौक पर जमकर लताड़ मिली, फिर CPI(M) ने उन्हें पार्टी से बाहर की राह दिखा दी.
अनिल कुमार केरल पेट्रोलियम एंड गैस वर्कर्स यूनियन के महासचिव थे. वह CPI(M) की ट्रेड विंग सीटू से जुड़ा हुआ है. सीपीआई (एम) की एर्नाकुलम जिला समिति और जिला सचिवालय की बैठकों में कई दौर के मंथन के बाद यह फैसला लिया गया है.
क्या है पार्टी का रिएक्शन?
पार्टी के राज्य सचिव, एमवी गोविंदन ने कहा है कि अगर वह पार्टी में रहे तो पार्टी के सिद्धांत प्रभावित होंगे, यह पार्टी के संविधान के खिलाफ है. पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा है कि मिनी कूपर कार खरीदना गलत है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
इसे भी पढ़ें- दिल्ली-NCR में तूफान का गहरा असर, तेज हवाओं से झूले पेड़, झमाझम बारिश ने ठप की वाहनों की रफ्तार
महंगी पूंजीवादी कार देख लोगों ने कर दिया ट्रोल
अनिल कुमार ने जैसे ही लग्जरी कार खरीदी, उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. सोशल मीडिया पर बवाल शुरू हो गया कि ये लोग जनअधिकारों की बात करते हैं. कम्युनिस्ट नेता को सोशल मीडिया पर यह कहते हुए ट्रोल किया गया था कि वह पूंजीवाद के खिलाफ मुखर रहे हैं, ऐसे में कार खरीदकर पूंजीवाद के खिलाफ लड़ाई कैसे करते हैं.
ये भी पढ़ें- Biporjoy Cyclone: अब किस ओर बढ़ रहा तूफान, अपने फोन पर ऐसे कर सकते हैं चेक
'सभी कॉमरेडों को क्यों भाती है मंहगी कार'
फेसबुक पर एक शख्स ने लिखा, 'सभी कॉमरेड मिनी कूपर को क्यों पसंद करते हैं? दूसरे ने कहा, 'वह यह कहकर कैसे बच सकता है कि उसकी पत्नी के पास नौकरी है.' अपने बचाव में अनिल कुमार ने कहा कि उनकी पत्नी, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में कर्मचारी हैं, इस वजह से उन्होंने कार खरीदी है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.