डीएनए हिंदी: मिजोरम में राजनीतिक दलों, चर्चों, गैर सरकारी संगठनों और नागरिक समाज संगठनों ने शुक्रवार को एक बार फिर चुनाव आयोग से 3 दिसंबर की मतगणना तिथि को बदलने की गुहार लगाई है.रविवार ईसाइयों के लिए पवित्र है और उस दिन सभी कस्बों व गांवों में पूजा आयोजित की जाती है.
40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए चुनाव 7 नवंबर को होंगे और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी. कई राजनीतिक दलों ने अपील की है कि मतगणना की तारीख टाल दी जाए. इन संगठनों में मिजोरम कोहरान ह्रुएतुते समिति, एनजीओ समन्वय समिति शामिल हैं.
कई छात्र संगठन भी मांग कर रहे हैं कि तारीख बदली जाए. मिजोरम पीपुल्स फोरम, एक चर्च-प्रायोजित चुनाव निगरानी संस्था ने संयुक्त रूप से राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मधुप व्यास के माध्यम से चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मतगणना की तारीख को फिर से निर्धारित करने का अनुरोध किया.
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मतगणना की तारीख बदलने की उठी मांग
9 अक्टूबर को मिजोरम और चार अन्य राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद से सभी राजनीतिक दल, यंग मिजो एसोसिएशन, चर्च निकाय और नागरिक समाज संगठन सहित गैर सरकारी संगठन मतगणना की तारीख को फिर से निर्धारित करने की मांग कर रहे हैं.
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क्यों मिजोरम में उठी है ऐसी मांग
मतगणना की तारीख को पुनर्निर्धारित करने के लिए चुनाव आयोग को दर्जनों पत्र और ज्ञापन भेजे गए थे. चूंकि रविवार ईसाइयों के लिए एक पवित्र दिन है, और पूरा दिन राज्य भर में चर्च सेवाओं के लिए समर्पित है. 2011 की जनगणना के अनुसार, मिजोरम की लगभग 87 प्रतिशत आबादी ईसाई है. (इनपुट: IANS)
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