डीएनए हिंदी: बिहार के सारण जिले में दो आदमियों को भीड़ ने गोमांस ले जाने के शक में पकड़कर पीट दिया. मॉब लिंचिंग के दौरान लगी गंभीर चोट से 56 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि उसका भतीजा घायल हो गया है. मृतक की पहचान नसीम कुरैशी के तौर पर हुई है, जो सीवान जिले के हसनपुर गांव का रहने वाला था. दूसरा घायल फिरोज मृतक का ही भतीजा है. पुलिस ने इस घटना में मुकदमा दर्ज कर लिया है. अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. यह स्पष्ट नहीं है कि पुलिस को मृतक और घायल के पास किसी तरह का मांस बरामद हुआ है या नहीं. फिलहाल जांच चल रही है.
पढ़ें- Old Pension Scheme: मोदी सरकार दे रही ओल्ड पेंशन स्कीम में जाने का मौका पर रखी ये शर्त, जानिए कैसे और कब तक करें आवेदन
रिश्तेदारी में जा रहे थे चाचा-भतीजा
फिरोज ने पुलिस को बताया कि वह अपने चाचा नसीम कुरैशी के साथ एक रिश्तेदारी में जाने के लिए मंगलवार को सारण जिले के रसूलपुर थानाक्षेत्र के जोगिया गांव में आया था. जब वे लोग जोगिया गांव की मस्जिद के करीब पहुंचे तो उन्हें लोगों की भीड़ ने घेर लिया और उन पर बैग में गोमांस रखे होने का आरोप लगाने लगे. फिरोज के मुताबिक, नसीम ने भीड़ को अपने पास किसी भी तरह का मांस नहीं होने की बात कही, लेकिन गुस्से में उत्तेजित भीड़ ने उनकी नहीं सुनी और लाठी-डंडों से मारपीट शुरू कर दी. फिरोज ने बताया कि मारपीट के दौरान वह किसी तरह छूटकर भाग निकला, लेकिन नसीम कुरैशी के साथ बुरी तरह मारपीट की गई.
पढ़ें- Pakistan Economy Crisis: कंगाली का एक और नजारा, 30 पायलटों का एकसाथ इस्तीफा, 35% वेतन कटौती से थे नाराज
बेहोश होने पर कर दिया पुलिस के हवाले
मारपीट के दौरान कुरैशी के बेहोश हो जाने पर भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पुलिस को बुलाकर नसीम को उसके हवाले कर दिया. पुलिसकर्मियों ने बुरी तरह घायल को इलाज के लिए तत्काल सरकारी अस्पताल भेजा, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई. सारण जिले के पुलिस अधीक्षक गौरव मंगला ने बताया कि पुलिस ने हत्या व मॉब लिंचिंग का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें जोगिया गांव का सरपंच सुशील सिंह और दो ग्रामीण रवि शाह व उज्जवल शर्मा शामिल हैं. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. इस मामले की जांच सभी एंगल से की जा रही है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.