Modi कैबिनेट का बड़ा फैसला, सेमीकंडक्टर्स के स्वदेशी उत्पादन से होगा तकनीकी कायाकल्प

कृष्णा बाजपेई | Updated:Dec 15, 2021, 06:56 PM IST

मोदी कैबिनेट द्वारा सेमीकंडक्टर्स के उत्पादन को लेकर लिया गया फैसला देश को तकनीक के क्षेत्र में नई उड़ान दे सकता है.

डीएनए हिंदीः देश को आत्मनिर्भर बनाने की ओर मोदी सरकार तेजी के साथ काम कर रही है. वो प्रोडक्ट्स जो पहले विदेशों से आते थे, उन्हें भारत में ही विकसित करने के लिए तेजी से काम किए जा रहे हैं. ऐसे में नया फैसला सेमीकंडक्टर्स की उत्पादन से जुड़ा है. सरकार अब देश में सेमीकंडक्टर्स के उत्पादन को अपनी सहमति दे चुकी है. इन सेमीकंडक्टर्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए सरकार ने 76,000 करोड़ का बजट भी निर्धारित कर दिया है.

केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला

केन्द्र सरकार ने कैबिनेट बैठक के बाद सेमीकंडक्टर्स के भारत में ही निर्माण को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. सरकार ने इनके स्वदेशी निर्माण के लिए 76,000 करोड़ रुपये की मैन्यूफैक्चरिंग योजना को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत देश को सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने की तैयारी है. इसके लिए कुल मिलाकर 2.3 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन भारत सरकार की तरफ से किया जाएगा. वहीं इस मिशन को 'इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन' नाम दिया गया है. 

लघु उद्योगों को होगा फायदा

मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर केन्द्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुशी जताई है. उनका कहना है कि सरकार का ये प्रोजक्ट देश में लघु उद्योग को एक बड़ा विस्तार देने वाला हो सकता है. उन्होंने कहा, "इस योजना में लघु उद्योगों का विशेष ध्यान रखा गया है. कंपाउंड सेमीकंडक्टर वर्ग की इंडस्ट्री के लिए कम से कम 15-20 छोटी एमएसएमई इकाइयां बनाई जाएंगी." वहीं इस परियोजना को लेकर केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के जरिए करीब 1.66 लाख करोड़ का FDI आने की संभावना है. 

तकनीक का बढ़ेगा दायरा 

आज की स्थिति में जब कोरोना के कारण चीनी प्रोडक्ट्स  पर सर्वाधिक प्रश्न उठ रहे है और चीन के साथ अनेक देशों के संबंध खराब हो रहे है तो भारत इस मोर्चे पर एक विकल्प साबित हो रहा है. ऐसे में मोदी सरकार का ये फैसला तकनीक के मामले में भारत के एक वैश्विक केन्द्र बनने की संभावनाओं को उड़ान देता है.

सेमीकंडक्टर्स का प्रयोग स्मार्टफोन, डेटा सेंटर्स, कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट डिवाइसेस, वाहन, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जीवन रक्षक उपकरण, एटीएम आदि में होता है. ऐसे में इन सभी का उत्पादन पूरी दुनिया में होता है और इनमें लगने वाला मुख्य पार्ट भारत का होगा तो ये तकनीक के लिहाज से तो भारत को एडवांस करेगा ही किन्तु इससे देश को आर्थिक लाभ ही होगा, 
 

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